मेरी माँ गई और दर्जिन से चुद गई।

सीमस्ट्रेस मेरी मां ने सेक्स का आनंद लिया। मैंने यह पूरा दृश्य देखा। टायलर हमारे घर के ठीक कोने पर है। माँ अपनी शर्ट बनाने चली गयी.

नमस्कार प्यारे दोस्तों, मेरा नाम संजय है।
मैं अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूं.

हम जबलपुर में रहते हैं.

मेरे परिवार में हम 4 लोग हैं। मेरे माता-पिता के अलावा, यह सिर्फ मैं और मेरा भाई हैं।

मेरे पिता एक शिक्षक हैं और मेरी माँ एक गृहिणी हैं।
मेरा भाई अभी दसवीं कक्षा में है।

यह मेरी पहली सेक्स कहानी है लेडीज़ टेलर सेक्स!

अब मैं तुम्हें बताता हूं कि मेरी मां कितनी खूबसूरत हैं.
मेरी माँ का नाम पायल है. उनकी उम्र 40 साल है, रंग गोरा है और लंबाई करीब 5 फीट है.

मैं उसके शरीर के माप के बारे में क्या कह सकता हूं… वह 34-28-36 की आकर्षक लड़की है; वह एक परी की तरह दिखती है।

मेरी मां को देखकर हर उम्र के स्थानीय लोगों के मन में एक ही विचार आएगा, वाह, क्या अच्छी बात है।

माँ हमेशा साड़ी पहनती थी.
मेरी माँ जब बैकलेस ब्लाउज पहनती हैं तो और भी खूबसूरत लगती हैं।
मेरी माँ का फिगर ऐसा है कि कोई भी उनके साथ खेलना चाहेगा।

ये कुछ समय पहले हुआ था.

मैं और मेरी मां अक्सर शाम को बाजार जाते हैं क्योंकि मेरे पिता को 5.30 बजे तक स्कूल जाना होता है।

जब भी मेरी माँ बाज़ार जाती थी, तो स्थानीय लोग मेरी माँ का मज़ाक उड़ाते थे… यहाँ तक कि बाज़ार के दुकानदार भी मेरी माँ को दो-दो मतलब बताते थे।
अगर मैंने कुछ कहा तो वह सच को तोड़-मरोड़कर पेश करेगा।’

रविवार को मैंने अपने दोस्तों के साथ सड़क पर क्रिकेट खेला।
फिर गेंद हमारे पड़ोसी के घर गई.

उनका नाम सोनू चाचा है.
वह एक दर्जी है और उसकी उम्र करीब 50 साल होगी.
उनके घर में ही दुकान है. मैं उन्हें अंकल कहता हूं.

मैं गेंद लेने उनके घर गया तो उन्होंने कहा- बेटा, तुमने अच्छा खेला.
मैंने कहा- हां, थैंक यू अंकल.

मैंने गेंद को ड्रिबल करना शुरू कर दिया.
जैसे ही मैं दरवाजे के बाहर चला गया, मुझे कुछ आवाज़ें सुनाई दीं।

मैंने छुपकर अपने चाचा को फ़ोन पर बात करते हुए सुना।
”अरे, क्या बताऊं भाई…मैं तो पहले से ही इस लड़के की मां का दीवाना हूं।” अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा।
मैं जानना चाहता हूं कि वह किस बारे में बात कर रहे हैं.

कुछ देर बाद उसने कहा- हां यार, रमेश के पास बहुत सारा सामान है.
तो मैं समझ गया कि वह मेरी माँ के बारे में बात कर रहा है। क्योंकि रमेश मेरे पिता का नाम है.
उसकी बात सुनकर मैं घर चला गया.

मैंने खाना खाया और सोने चला गया.

जब मैं उठा तो मेरी माँ अपने एक दोस्त से बात कर रही थी और मेरे पिताजी टीवी देख रहे थे।

मेरी माँ बोली- हां यार, मुझे भी एक शर्ट सिलवाना है. हमारे पास ही एक भाई रहता है. मैं उनसे एक शर्ट बनाने की कोशिश करूंगा। यदि यह उचित होगा तो मैं आपको बताऊंगा।

ये सारी चीजें उनके साथ हुईं.
मैं बाहर चला गया.

अगले दिन माँ और भाई सोनू अंकल के घर गये।
मैंने उसका पीछा किया.

माँ और छोटू अन्दर चले गये.
सोनू अंकल मम्मी को देख कर एकदम हैरान हो गए और आश्चर्य से बोले- अरे, आप यहां!

हालाँकि कमीने को अंदर ही अंदर ख़ुशी महसूस हुई।
शायद मैं उसकी आँखों में देखकर ही यह बता सकता हूँ।

फिर माँ ने कहा- हाँ, मुझे एक शर्ट सिलवाना है.
चाचा ने कहा- हां सर, मैं जरूर सिलाई करूंगा.
मॉम बोलीं- पीठ तो दिखनी ही चाहिए.

अंकल बोले- हां, मैं हॉल्टर सिल सकता हूं.
माँ ने उसे कपड़े दिये।

फिर उसने अपनी मां से कहा: हां, मेरा भी नाप लो.
माँ ने मुझे एक शर्ट दी और उसे उसी आकार में सिलने को कहा।

लेकिन अंकल ने कहा- अगर तुम्हें फिट आने वाली शर्ट चाहिए तो तुम्हें अपना नाप देना होगा.

माँ ने कहा: भाई, मुझे इस साइज़ का एक सिलाई दे दो।

चाचा थोड़ा जोर लगाने लगे.
माँ सहमत हैं.

मां की पुष्टि सुनते ही सोनू चाचा की आंखें चमक उठीं.
चाचा ने टेप उठाया और माँ के स्तनों को नापने लगे।

मेरे चाचा ने नाप लेने के बहाने मेरी मां की शर्ट खोल दी.
फिर माँ ने अपनी ब्रा के अंदर से अपने स्तनों को उजागर करना शुरू कर दिया।

यह देखने के बाद मेरी आँखें खुलीं और फूट-फूट कर रोने लगा।
मेरा सामान अचानक खड़ा हो गया.

मैंने देखा कि मेरे चाचा अपने लिंग को धीरे-धीरे सहला रहे थे।

फिर चाचा ने माँ से कहा: बहन, क्या तुम्हारा भाई बहुत व्यस्त है?
माँ बोली- हाँ.

चाचा ने धीरे से कहा- यह तो बहुत लोकप्रिय है.
माँ ने सुना लेकिन कुछ बोली नहीं.

फिर माँ और छोटू ने नाप लिया और आने लगे.

तो अंकल बोले तुम बहुत सुन्दर हो.
माँ मुस्कुराई और घर चली गई।

अगले दिन मैंने अपनी मां को फोन पर बात करते देखा.
मैं छुप कर उनकी बातें सुनने लगा.

मॉम बोलीं- हे भगवान, मैंने चार साल से सेक्स नहीं किया है.
तभी वहां की आंटी बोलीं- मैं तो हर हफ्ते ऐसा करती हूं.

माँ बोली- कैसा है?
वो बोलीं- तुम्हें हमेशा कोई न कोई तुम्हारी सवारी करने वाला मिल ही जाएगा.

तब मेरी माँ ने मुझे बताया कि मेरे चाचा मेरी शर्ट का नाप लेते समय क्या बात कर रहे थे।
थोड़ी देर बाद चाची बोलीं- यह तुम्हारे लिए अच्छा मौका है अपनी प्यास बुझाने का!
माँ बोली- टेलर का?
तो आंटी ने कहा- हां, मैंने अपने दर्जी के साथ भी 3 बार किया है.

और फिर मेरी माँ ने कहा – ठीक है, मुझे इसके बारे में सोचने दो। अब मुझे कुछ काम करने हैं…मैं फ़ोन रख दूँगा।
आंटी बोलीं- ठीक है, ठीक है.

फिर उस दिन मेरी मां ने मुझसे कहा- प्लीज मेरे चाचा का फोन नंबर लिख लो.
मैं लाया।

अगले दिन, मेरे पिता ने कहा कि मुझे दो दिनों के लिए अपना होमवर्क करने के लिए भोपाल जाना होगा।
पिताजी अगली सुबह चले गए और मैं उस दिन स्कूल नहीं गया।

मैंने अपनी मां को बेचैन होते देखा.
थोड़ी देर बाद मेरी माँ ने मेरे चाचा को बुलाया और कहा: भाई, क्या शर्ट तैयार हैं?

अंकल बोले- नहीं, तुम्हारा साइज़ खो गया है!
माँ बोली- भाई, मुझे दो दिन में अर्जेंट शर्ट चाहिए।

अंकल बोले- आप अभी आ जाइए नाप देने … मैं आपका ब्लाउज तैयार कर दूँगा.
तभी मम्मी बोलीं- ठीक है, मैं शाम को आती हूँ.

मम्मी ने खाना बनाया और वे तैयार होने लगीं.

जब मम्मी तैयार होकर बाहर निकलीं तो मेरी आंखें मम्मी के ऊपर से हट ही नहीं रही थीं.

उन्होंने लाल साड़ी और ब्लैक ब्लाउज पहना था.
खुले हुए सुनहरे बाल और होंठों पर लाल लिपस्टिक लगाई हुई थीं.
ऐसा लग रहा था कि कोई परी मेरी सामने खड़ी हो.

तभी मम्मी बोलीं- संजय, मैं ब्लाउज सिलवाने जा रही हूँ. मुझे देर लग सकती है, तो तुम डिनर कर लेना और छोटू को भी खिला देना.

तब मैंने सोचा इतनी सज-धज कर जा रही हैं. जरूर कुछ गड़बड़ मामला है.
मैंने कहा- हां ठीक है मम्मी.

मम्मी निकल गईं और मैंने चुपके से उनका पीछा किया.

मम्मी अंकल के घर में अन्दर गईं.
मैं बाहर की खिड़की से सब देख रहा था.

तभी अंकल बोले- जी आइए भाभी जी, आपका स्वागत है.
मम्मी बोलीं- जी, नमस्कार.

सोनू अंकल- आप थोड़ी देर बैठिए, मैं अभी आपकी पैमाइश ले लेता हूँ.
कुछ देर बैठने के बाद अंकल बोले- आइए भाभी, अब आपका नाप ले लूं!

मम्मी भी जल्दी से पहुंच गईं.
फिर अंकल ने नाप लेना शुरू किया.

अंकल ने नाप लेने के बहाने से मेरी मम्मी तो टच करना शुरू कर दिया था.
लेकिन मम्मी ने कुछ नहीं बोला.

अंकल बोले- आपको अगर फिटिंग का ब्लाउज चाहिए तो मुझे कुछ छूट दीजिए.
मम्मी ने सहमते हुए कहा- ठीक है, पर ब्लाउज गड़बड़ नहीं होना चाहिए!

मैं समझ गया कि मम्मी तो आज चुदना चाहती हैं.
थोड़ी देर बाद अंकल ने कहा- आप ब्लाउज उतार दीजिए, तभी सही नाप आएगा.

फिर मम्मी ने अपना ब्लाउज खोल दिया.
अब मेरी मम्मी के मम्मे दिख रहे थे.

मम्मी ने काले कलर की ब्रा पहनी हुई थी.

अंकल नाप लेते लेते ही मम्मी के मम्मे टच करने लगा और मम्मी भी गर्म होती जा रही थीं.
अंकल मम्मी की पीठ पर हाथ फेरने लगा और मम्मी से बोला- मुझे लगता है कि आपकी चुदाई बहुत समय से नहीं हुई है.
मम्मी हंस कर बोलीं- हां 4 साल हो गए.
तो अंकल बोले- अरे चार साल से आपको सुख नहीं मिला!

मम्मी कुछ नहीं बोलीं.

अंकल बोला- आपको नहीं लगता कि कोई आपकी इस ख़ूबसूरती का मज़ा उठाए?
मम्मी बोलीं- लगता तो है … पर कोई मिल नहीं रहा है.

मुझे समझ आ गया कि अब मम्मी पूरी तरह से गर्म हो चुकी हैं.
अंकल- कोई मिल नहीं रहा?

मम्मी- हां!
अंकल- अरे तो एक मौका हमें देख कर देखिए भाभी जी. कसम से आपको पूरा खुश कर दूंगा.

मम्मी- ठीक है … आप ही सेवा कर दीजिए.
अंकल- हां बिल्कुल, मैं तो आपको जब भी देखता हूँ, तो मुझे तो सिर्फ आपकी चुदाई का भूत चढ़ जाता है!

मम्मी लेडीज़ टेलर सेक्स का मजा लेने की गरज से बोली- हां मुझे भी बहुत दिनों से चुदवाना है, पर कोई मिल नहीं रहा था.
अंकल- तो चलो आज आपको सेक्स का सुख देता हूँ.

अंकल ने मम्मी की ब्रा खोल दी और उनके रसभरे दूध देख कर बोला- वाह ऐसा लग रहा कि कि इन्हें चूस चूस कर खाली कर दूँ.

मैंने मम्मी के बूब्स को देखा तो मेरे लंड से संयम ही नहीं हो रहा था.
उनके मम्मे एकदम गदराए हुए और भरे भरे थे.

मम्मी- अब इंतजार किस बात का है सोनू जी … कर दो ना खाली!

अंकल ने शटर बंद कर दी और कमरे की लाइट चालू कर दी.

अंकल ने फोन उठाया और एक दोस्त को आने के लिए कहा.

अंकल मम्मी के बूब्स पर टूट पड़ा और उसने मम्मी की साड़ी उतार दी.
अब मम्मी सिर्फ पेटीकोट पहनी हुई थीं.

अंकल मम्मी के पूरे बदन को चाटने लगा.
मम्मी कामुक सिसकारियां ले रही थीं.

अंकल ने मम्मी के मम्मों को अपने दोनों हाथों से पकड़ रखे थे और वह उन्हें सहला रहा था.
साथ ही पीछे से वह मम्मी की पीठ चूम रहा था.

लगभग 5 मिनट बूब्स सहलाने के बाद अंकल मेरी मम्मी को सामने से आकर किस करने लगा.
वह मम्मी के रसीले होंठों को चूस रहा था.

मैं मन ही मन में सोच रहा था कि मेरी मम्मी ऐसा करेगी, मुझे भरोसा ही नहीं हो रहा था.

किस करते करते वे एक दूसरे में खो गए और इधर मेरा लंड मुझसे लड़ रहा था.
लंड से मेरी मम्मी के बूब्स देखकर कण्ट्रोल नहीं हो रहा था.

फिर दस मिनट तक किस करने के बाद अंकल मम्मी के बूब्स पीने लगा.
अंकल मम्मी के बूब्स पी कम रहा था, साला खा ज्यादा रहा था.

मम्मी अंकल का सर पकड़ कर सहला रही थीं.

फिर थोड़ी देर बाद अंकल ने अपने कपड़े उतारे.
अंकल का 7 इंच का लंड देखकर मेरी मम्मी खुश हो गईं.

तब अंकल ने मम्मी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसे हटा दिया.
मेरी मम्मी ने आज पैंटी पहनी ही नहीं थी इसलिए टेलर मास्टर को सीधे ही मेरी मम्मी की चूत के दर्शन हुए.

मम्मी की गुलाबी रसीली चूत देखकर अंकल एकदम खुश हो गया.

फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुँह में घुसा दिया.
मम्मी भी किसी रंडी की तरह लंड मुँह में ले रही थीं.

कुछ मिनट तक मुँह चोदने के बाद अंकल मम्मी की चूत चाटने लगा.

अब मम्मी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थीं जो अंकल को मदहोश कर रही थीं.

मम्मी- अब रहा नहीं जाता मेरे राजा जल्दी से अन्दर घुसा दो.
अंकल- हां मेरी जान, मुझसे भी अब सब्र नहीं हो रहा है.

फिर अंकल ने अपना 7 इंच का लंड मम्मी की चूत पर रखा और एक ही झटके में पूरा लौड़ा अन्दर घुसा दिया.

मम्मी एकदम से चिल्ला उठीं- आह ऊऊऊ एईई.
वे छटपटाने की आवाज़ निकलने लगीं.
उनकी आंखों में आंसू आ गए.

वे अंकल से बोलीं- सोनू, ये क्या कर दिया!
अंकल- थोड़ा दर्द होगा बस जानू. चार साल से इंजन की सर्विस नहीं हुई है.

फिर अंकल धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
मम्मी के मुँह से ‘आह आह ईई हहह’ की आवाज़ निकल रही थी.

फिर अंकल अपनी स्पीड बढ़ाता गया और मम्मी का भी दर्द कम हो गया.

अब मम्मी बोलीं- आह … मेरी आज और जोर से फाड़ दो सोनू राजा!
अंकल- हां रंडी साली, आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.
मम्मी- हां चोद डाल साले, आज मेरी फाड़ दे.
अंकल- हां कुतिया बहुत समय से तेरी लेने की सोच रहा था.

थोड़ी ही देर बाद पीछे के गेट से एक आदमी आया जो 60 साल का होगा.
मम्मी उसको देखकर हैरान हो गईं.

अंकल बोला- घबराओ नहीं, यह मेरा मित्र है. आज यह भी तुम्हारा मज़ा लेगा.
मम्मी ने पहले तो मना किया, फिर हां कर दी.

अंकल मेरी मम्मी की चूत चोदता जा रहा था और अंकल का दोस्त, जिसका नाम मनीष था, वह अपने कपड़े उतार रहा था.

जैसे ही उसने अपने पजामे का नाड़ा खोला, उसका लम्बा मोटा सामान देखकर मम्मी की गांड फट गई.

मनीष ने अपना लंड मम्मी के मुँह में रख दिया और मम्मी के एक दूध को पकड़कर अपना लंड चुसवाने लगा.
मम्मी सांस भी नहीं ले पा रही थीं; वे बिन पानी की मछली की तरह तड़फ रही थी.

फिर सोनू अंकल झड़ने वाला था तो वह मनीष से बोला- मनीष तू इधर आ, मैं इसके मुँह में दूँगा.
उन दोनों ने अपने अपने छेद बदल लिए.

सोनू ने मम्मी के मुँह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया.
मम्मी रांड की तरह सारा वीर्य पी गईं.

फिर सोनू अंकल बेड पर लेट गया.
उधर मनीष मम्मी को कुतिया की तरह घोड़ी बना कर चोद रहा था.
मम्मी की आंखों से आंसू आ रहे थे क्योंकि मनीष का लवड़ा काफी बड़ा और मोटा था.

इससे मम्मी की चूत चिर गई थी.

थोड़ी देर बार मम्मी ने सोनू अंकल के लंड पर बैठ गईं और मनीष ने मम्मी की गांड पर थूक लगा दिया.
उसने अपना लंड मम्मी की गांड में घुसा दिया.

उन दोनों ने मेरी मां को सैंडबिच चुदाई का मजा देना शुरू कर दिया था.

उनकी 20 मिनट तक चुदाई के बाद मेरी मम्मी को उन दोनों ने छोड़ दिया.
मम्मी ने उन दोनों के लंड चूस कर साफ कर दिए.

मेरी मम्मी पूरी तरह से तृप्त हो गई थीं.
अब जब भी मम्मी को मौका मिलता, वे उन दोनों से चुदवाने सोनू की दुकान में पहुंच जातीं.

तो दोस्तो, यह मेरी मम्मी की चुदाई की कहानी थी.
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