ढलती उम्र में अदल बदल- 3

हिंदी हॉट कहानी दो दोस्तों की है जो अदल बदल कर एक दूसरे की बीवियां पटाने की कोशिश कर रहे हैं. पढ़ कर देखें कि उनको इस सेक्सी खेल में कितनी सफलता मिली.

कहानी के पिछले भाग
बीवी की वासना जगाकर चुदाई
में आपने पढ़ा कि दो दोस्त आपस में योजना बनाकर एक दूसरे की बीवी को पटाने की कोशिश कर रहे थे. दोनों को इसमें सफलता भी मिल रही थी. दोनों अपनी बीवी को अपने दोस्त की तरफ जाने में मदद भी कर रहे थे.

अब आगे हिंदी हॉट कहानी:

रात को बेड पर संजीव का सारा फोकस इस बात पर था कि सेक्स अच्छा हो और कैसे भी विजय का नाम आ जाये।

संजीव ने आज ऋतु की चूत में चॉकलेट भर दी और अपने लंड पर भी चॉकलेट मल दी।
फिर 69 पोजीशन में होकर उसकी चूत को खूब चूसा।

ऋतु गर्म हो गयी थी और सेक्स चाह रही थी.
पर संजीव का मकसद अभी पूरा नहीं हुआ था; वो ऋतु से बोला- लाओ मैं तुम्हारे मम्मों की भी शहद से मालिश कर दूँ।

ऋतु हैरान थी कि आज इसे क्या हुआ।
उसे वही पॉर्न मूवी याद आ गयी जिसमें उसने देखा था कि एक मसाज सेंटर में एक लड़का लड़की की शहद से मसाज करता है और लड़की उस लड़के का लंड जबर्दस्ती पकड़ लेती है और फिर दोनों में सेक्स होता है।

संजीव किचन से शहद की शीशी उठा लाया और ऋतु के मम्मों पर पलट दी।
फिर दोनों हाथों से तेजी से उसके मम्मे गोलाई में दबा-दबा कर मलने शुरू किए।
बीच बीच में वो ऋतु की चूत की दरार में भी उंगली कर रहा था।

ऋतु आज पागल हो रही थी, उसकी चुदास बहुत बढ़ गयी थी।

उसने संजीव से पूछा- आज तुम बहुत मजे दे रहो हो, तुम्हें हुआ क्या है?
संजीव बोला- ये मैं नहीं … कोई और है जो तुम्हें मजा दे रहा है।

अब बिना संजीव के कुछ बोले ऋतु के दिमाग में विजय की उभरे लंड वाली फोटो आ गयी। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। वो कसमसा गयी।

संजीव ने उसकी चूत में दो उंगली घुसा दी और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।
ऋतु बहक रही थी, बोली- और ज़ोर से करो संजीव!

संजीव ने स्पीड बढ़ाते हुए कहा- ये मैं नहीं हूँ मेरी जान … ये तो विजय है, तुम उसी का नाम लो।
ऋतु अब कामाग्नि में जल रही थी, बोली- हाँ विजय और ज़ोर से करो … मेरी चूत आज बहुत प्यासी हो रही है, इसे और मजा दो।

अब संजीव ऋतु के ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगें चौड़ी करके बोला- हाँ मेरी रानी, ये लो विजय का मोटा लंड! आज ये तुम्हें जन्नत का मजा देगा।

संजीव ने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
हालांकि अब उसके बस की बात नहीं थी … सच में संजीव का स्टेमिना बहुत कम था क्योंकि उसकी फिसिकल एक्सरसाइज़ तो कुछ थी नहीं, अब उसका लंड फूट गया।

संजीव ऋतु के ऊपर ही लुढ़क गया।
ऋतु का मजा आज पूरा नहीं हो पाया था।

वो भुनभुना गयी कि इत्ती जल्दी कर दिया, मेरा तो कुछ भी नहीं हुआ। अब दोबारा करो वरना मैं सच में विजय को बुला लूँगी।
संजीव तो अब पस्त हो गया था।
इतनी देर तक भी उसने बहुत दिनों बाद किया था। बस फर्क यह था कि आज ऋतु की आग भड़की हुई थी।

तभी ऋतु के मोबाइल पर एक व्ट्सऐप मेसेज आया।
ऋतु चौंकी इतनी रात को किसको याद आ गयी। उसके पूरे शरीर पर चॉकलेट चिपकी थी तो वो उठी वाशरूम जाने के लिए तो मोबाइल भी साथ ले गयी।

टॉइलेट में उसने देखा कि विजय का एक बहुत ही रोमांटिक गुडनाइट मेसेज था।
ऋतु मुस्कुराई।
अब उसके मन में विजय के लिए फील बदल गयी थी। उसने तुरंत एक प्यारा सा गुडनाइट मेसेज टाइप किया और विजय को भेज दिया।
साथ में एक लिप किस भी भेज दिया।

जवाब में विजय का ‘मिस यू’ का मेसेज तुरंत ही आ गया।
ऋतु ने बाहर जाने से पहले सारे मेसेज डेलीट किए और जाकर संजीव से चिपक कर नंगी ही सो गयी।

सुबह उठ कर ऋतु ने संजीव को एक डीप किस दिया और कहा- रात मजा आ गया।
ऋतु संजीव से बोली कि वो एक जिम जॉइन करना चाह रही है, थोड़ी चर्बी कम करनी है।

संजीव ने कहा- तुम तो पहले भी घर पर एक्सरसाइज करती थी; वही शुरू करो। कोई एक आध मशीन ट्रेडमिल वगेरह विजय से पूछ कर मंगा लो, जिम क्यों जाना!

ऋतु आज नंगी ही ऐसी में सोयी थी और कुछ ओढ़ा भी नहीं था तो सुबह से उसे ऐसे लग रहा था कि उसके सीधी तरफ कुछ खिंचाव या नचका सा है।
संजीव बोला- मूव लगा लेना या मैं कोई स्प्रे भेज दूँगा गोदाम से!

दिन में 12 बजे विजय के पहले तो दो तीन रोमांटिक से मेसेज आए.
फिर ऋतु ने फोन किया तो विजय ने ऑफिस की किवाड़ बंद करके देर तक बातें करीं।

ऋतु ने पूछा- ये दीवानगी क्यों हो रही है, अगर सीमा को मालूम चल गया तो?
तो विजय बोला- तुम शुरू से ही मुझे बहुत पसंद हो, बस कभी कह नहीं पाया। हाँ अगर तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा तो ये मेरा आखिरी फोन होगा और रहा सवाल सीमा या संजीव का … तो मैं तो उनसे कुछ कहने जा नहीं रहा और तुम भी क्यों कहोगी।

ऋतु बोली- नहीं, ऐसा नहीं है, मुझे भी तुम अच्छे लगते हो दोस्ती के लिए! मैं भी शादी से पहले रेगुलर जिम जाती थी, अब शादी के बाद लाइफ बहुत डल हो गयी है। हम बहुत अच्छे दोस्त हो सकते हैं, बस केवल अच्छे दोस्त!

इस पर विजय बोला- ऋतु, बात तुम्हारी ठीक है पर दोस्ती गहरी होनी चाहिए। मेरे और तुम्हारे तक ही सीमित। क्योंकि कड़वा सच तो यह है कि मेरी तुम्हारी गहरी दोस्ती न तो संजीव पसंद करेगा न सीमा। वो चाहे अपनी अपनी ज़िंदगी में कुछ भी कर लें पर पार्टनर हरेक को बेदाग ही चाहिए।

ऋतु हंस पड़ी, बोली- क्या तुम्हें मालूम है कि सीमा को कोई फेंड भी है?
विजय बोला- एक नहीं, दो हैं, पर सीमा को नहीं मालूम कि मुझे मालूम है ये! और उसकी दोस्ती से मुझे ये फायदा हो रहा है कि वो जिस दिन अपने दोस्तों से ज्यादा मस्ती कर लेती है, बिस्तर पर उतनी ही ज्यादा मस्ती वो मेरे साथ करती है।

अब विजय ने पूछा- क्या तुम्हें संजीव पर भरोसा है कि उसका कोई अफेयर नहीं है?
ऋतु बोली- पता नहीं … पर शक है। पर एक अच्छे पति के हर फर्ज़ को संजीव बखूबी निभाता है तो मुझे उससे कोई शिकायत भी नहीं है। और सच तो ये है कि मैं जानना भी नहीं चाहती, फालतू में टेंशन होगी।

विजय ने ऋतु से कहा- आज से मेरी तुम्हारी दोस्ती पक्की! हाँ, मेरी किसी बात का बुरा नहीं मानना और अगर कोई बात बुरी लगे तो मुझसे ही कहना।
ऋतु हँसकर बोली- बस मुझे शादी के लिए प्रोपोज मत करना … बाकी सब चलेगा।

विजय ने उसे फोन पर ही एक डीप किस दिया तो पलट कर ऋतु ने भी उसे किस किया।

ऋतु ने उसे बताया कि आज उसे सीधी तरफ शरीर में कुछ खिंचाव सा महसूस हो रहा है जैसे नचका आ गया हो।
विजय ने उसे एक दो एक्सरसाइज़ बतायीं कि आराम हो जाएगा।
उसने कहा कि वो रात को संजीव के पास आएगा तब वो गर्दन और कमर की नस की मालिश कर देगा, नचका ठीक हो जाएगा।

विजय को काम भी करना था, तो उसने बाय कह कर फोन रख दिया और एक फ्रेंडशिप मेसेज ऋतु को भेज दिया।

उसने अपना एक फोटो कोलाज जिसमें उसके कसरती बदन और उभार के कई फोटो थे, ऋतु को इस रेकुएस्ट के साथ भेज दिया कि वो भी अपने कुछ मस्त फ़ोटोज़ भेज दे।
दोनों ने ये वादा किया कि वे अपने पार्टनर्स को कुछ नहीं बताएँगे।

विजय ने भी सोचा कि अब वो संजीव से सीमा के बारे में या ऋतु के बारे में कोई बात नहीं करेगा।

आज विजय का मन अपने काम में खूब लगा और उसने अच्छा व्यापार किया आज!
विजय ने इसका सारा श्रेय ऋतु से मिले अपनत्व को दिया।

दिन में उसकी संजीव से कोई बात नहीं हुई, अलबत्ता ऋतु के कई मेसेज थे थे और उसकी कुछ फोटो भी थीं।
आखिरी मेसेज में ऋतु ने कहा था- शाम को इंतज़ार करूंगी।

विजय ने ऑफिस बढ़ाने से पहले संजीव से बात करी और उससे सिर्फ इतना ही कहा कि आज वो शाम को उसके घर आएगा।
उसने अपने दोस्त संजीव से कहा कि वो उसके और ऋतु के रिलेशन की चिंता न करे, अपने साथ सीमा की नजदीकी बढ़ाए; जैसा उनके बीच तय हुआ है अगर विजय ऋतु के नजदीक जाने में नाकामयाब भी रहा तो इससे संजीव और विजय के बीच तय बात में कोई फर्क नहीं आएगा।

संजीव से विजय ने कहा- अब तुम भी मुझे सीमा के बारे में कुछ नहीं बताना. वरना मेरे सीमा के प्रति व्यवहार में फर्क आ जाएगा। अगर उनकी नजदीकी बढ़ती है तो उसका फायदा विजय को मिलेगा ही!

विजय ने ये बात इतने अच्छे ढंग से कही कि दोनों को ही ये एहसास हो गया कि इसमें नुकसान किसी का नहीं है, बस विश्वास की डोर नहीं टूटनी चाहिए और इसके लिए छिपाव जरूरी है।

रास्ते में विजय ने अपने एक सर्राफ मित्र की दुकान से एक बहुत सुंदर पाजेब ली।

घर आकर उसने अपना रूटीन जिम किया।

सीमा ने उसके मनपसंद पनीर-प्याज़ के पकोड़े बना रखे थे, वो आज बहुत खुश थी।
संजीव के भेजे गिफ्ट हेम्पर में बॉडी लोशन और मोइश्चराइजर था, जो उसे बहुत पसंद आया.

वो दोनों आइटम के बड़े पैक मंगवाने के लिए उसने संजीव को कहा- बॉडी लोशन और मोइश्चराइजर विजय के पास भिजवा देना.
तो संजीव बोला- मैं शाम को घर जाते में तुम्हें देता चला जाऊंगा।

संजीव को मालूम था कि उस समय विजय घर पर नहीं होगा तो शायद उसे सीमा से नजदीकी बढ़ाने का मौका मिल जाये।
उसने सीमा को नहीं बताया कि आज विजय उसके घर आएगा।

संजीव ने विजय को पहले ही बता दिया था कि विजय सीमा से बिलकुल आखिरी वक़्त पर बताए कि वो संजीव के घर जा रहा है क्योंकि कभी सीमा कह दे कि मैं भी चलती हूँ।
अचानक कहने से लेडीज कहीं तुरंत नहीं जा पातीं, उन्हें तैयार होने में वक़्त लगता है।

तो मूड तो विजय का भी बढ़िया था। उसने सीमा से चूमा चाटी करते नाश्ता निबटाया और नहाने चला गया।

बाथरूम में विजय ने हेयर रेमूविंग क्रीम वाश बेसिन पर रखी देखी तो वो समझ गया कि आज सीमा ने अपनी चूत चमकाई है।
तो उसने पता नहीं क्या सोचकर अपने लंड की वेक्सिंग कर ली।

उसने सीमा को भी आवाज देकर कहा कि वह भी आ जाये और साथ ही नहा ले.

जब तक उसने वेक्सिंग निबटाई, सीमा भी कपड़े उतार कर शावर लेते विजय से चिपट गयी।

विजय ने नीच झुककर सीमा की चूत में अपना मुंह लगा दिया, सीमा सिसकार उठी।
शावर के नीचे दो जवान बदनों में आग लगी थी।

विजय ने उसकी एक टांग ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.
पर तभी बाहर विजय का फोन बज उठा.

उसने सोचा कि बजने दो … पहले चुदाई निबटाते हैं.
तो उसने धक्के लगाने शुरू किए।

दोबारा फोन बजा तो अब विजय को लगा कि शायद किसी को कोई अरजेंसी है तो वो सीमा को चूमकर तौलिया लेकर पौंछता हुआ बाहर आ गया।

फोन संजीव का था.
उसने बताया कि ऋतु अभी खिंचाव से परेशान है तो जब वो उसके घर जाये तो कोई क्रीम लेता जाये.
विजय बोला- वो मैं देख लूँगा तू उसकी टेंशन मत कर!

संजीव ने विजय से कहा- अब तुम सीमा को बता देना और कह देना कि कोई जमीन की बात करनी है इसलिए संजीव के पास जा रहा हूँ।

फोन रखते ही सीमा आकर पीछे से विजय से नंगी ही चिपट गयी और बोली- अब कहीं मत जाना, आज मूड बढ़िया है, प्यार करेंगे।
विजय ने उसे चूमा और कहा- मुझे थोड़ी देर के लिए संजीव के जाना है, कोई बिजनेस का काम है, जल्दी ही आ जाऊंगा।

सीमा अब कैसे कहे कि संजीव तो थोड़ी देर बाद यहीं आएगा।
वो चुप रही. बल्कि उसे डर सा लगा कि घर पर वो और संजीव अकेले होंगे।

पहले तो कोई बात नहीं थी पर पिछले दिनों में उसके और संजीव में जो खुलापन आ गया था, कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये।
पर अब वो विजय से कुछ नहीं कह सकती थी.

खैर उसने एक जंप सूट पहन लिया क्योंकि अगर कुछ और पहनती तो विजय कहता कि आज रात को ये सब क्यों पहन रही हो.
हालांकि विजय ने जंप सूट के लिए भी टोक दिया और बोला- कोई फ्रॉक डाल लेतीं!
पर सीमा बोली- नहीं, बाहर तुम्हें छोड़ने जाऊँगी, गेट बंद करूंगी, फिर खोलूँगी, इसलिए ये ही ठीक है।

वो ब्रा पहन रही थी तो विजय ने नहीं पहनने दी।
खुद विजय ने भी अपना कसरती बदन दिखने वाला ट्रेक सूट पहना, बॉडी स्प्रे लगाया.

आठ बजने को थे तो विजय भी अपनी बुलेट मोटरसाइकल लेकर निकाल लिया।
पाजेब उसने छिपा कर रख ली थी, रास्ते से उसने मेडिकल स्टोर से एक फास्ट रिलीफ के लिए क्रीम ली और पास से ही एक गुलाब का फूल लिया।

दोस्तो, आपको इस हिंदी हॉट कहानी में मजा आ रहा होगा.
[email protected]

हिंदी हॉट कहानी कहानी का अगला भाग: ढलती उम्र में अदल बदल- 4

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *