एक ऑफिस सहकर्मी गर्भवती हो गई

टीन गर्ल सेक्स स्टोरीज़ में पढ़ रहा हूँ कि मेरे ऑफिस में एक नई लड़की आई, उसकी नई-नई शादी हुई थी। मैं अपनी बीवी को चोद कर बोर हो गया था.

लेखक की पिछली कहानी: सोते हुए पति के सामने भाभी की चूत चुदाई

दोस्तो, मेरा नाम सौरभ है. मैं अन्तर्वासना वेबसाइट का नियमित विजिटर हूं और इसके माध्यम से अपनी कहानी आपके साथ साझा करता हूं।

मैं गोरा और जवान दिखता हूँ. मेरी उम्र 26 साल है और मैं शादीशुदा हूं.
मेरा लिंग सामान्य से बड़ा है इसलिए आज मेरी पत्नी की सेक्स लाइफ अच्छी रही और मैंने उसे खुश कर दिया।

एक बार मुझे भी अपनी ऑफिस गर्ल को खुश करने का मौका मिला था. तो मेरी किस्मत बदल गयी.
इस छोटी लड़की सेक्स कहानी में मैं आपको पूरी तरह से यही बताता हूं।

दोस्तों एक बार मेरी कंपनी में एक शादीशुदा औरत रहती थी, उसकी उम्र करीब 23 साल थी.

उसका केबिन मेरे बगल में है.

मैं यहां दो साल से काम कर रहा हूं, लेकिन उसे अभी यह नई नौकरी मिली है।

दोस्तों उसका नाम अमिता है. अभी एक साल पहले ही उसकी शादी हुई थी. वह बहुत मोटी लड़की है, उसके स्तनों से यौवन साफ़ झलकता है।
और उसका शरीर एक बेली डांसर जैसा है!

वो हमेशा जीन्स पहन कर आती है इसलिए उसकी गांड साफ़ दिखती है.
उसका फिगर मेरे लंड को उत्तेजित कर देता था.

एक दिन वह साड़ी पहन कर आई।
उस दिन मेरा दिल घबरा गया था.

मैं सोचने लगा कि अब जब मैं अपनी पत्नी से थक गया हूं तो उसे मारने में ही मजा आएगा.

सौभाग्य से अमिता को कुछ समझ नहीं आया। तो वह दस्तावेज़ लेकर मेरे पास आई।
उसका फोल्डर नीचे गिर गया.

जब वो दस्तावेज उठाने के लिए नीचे झुकी तो उसके गोल गोल दूधिया सफेद दूध साफ़ दिखने लगे.

एक मिनट तक ये सीन देखने के बाद मैं घबरा गया. अब उसका अंडरवियर फट गया था और उसकी पैंट खुल गयी थी.
अब वो सामने से मेरे बगल में आ गयी.

अमिता की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो वो शरमा गयी और मैं भी शरमाने लगा.

वो 3-4 मिनट तक इसी पोजीशन में मेरे बगल में खड़ी रही.
दोस्तो, मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया है.

मैं उसे समझाता रहा कि फाइल में क्या करना है.

वह वापस मेज पर बैठ गई और अब मैंने राहत की सांस ली।

फिर मैं अंदर पहुंचा और अपना लिंग नीचे किया.

अमिता ये सब देख रही थी, लेकिन मैं बेखबर था.

लेकिन इस घटना से मेरी हिम्मत बढ़ने लगी.

उन्हें कंपनी में शामिल हुए दो महीने हो गए हैं और हमारा रिश्ता बहुत घनिष्ठ हो गया है।
एक दिन उसने मुझसे पूछ ही लिया- तुम्हारी बीवी कैसी दिखती है? कृपया मुझे भी बताएं.

तो मैंने कहा कि यह बेचारी लड़की मुझे बर्दाश्त नहीं कर सकती। अब मेरा दिल उससे भर गया है!
उन्होंने कहा- क्या आप संतुष्ट हैं?
मैने हां कह दिया!

उन्होंने कहा: आपके कितने बच्चे हैं?
तो मैं कहता हूं- प्रियंका अभी 7 महीने की प्रेग्नेंट है.

उसने कहा- अच्छा… तभी तो तुमने कहा “मैं संतुष्ट हूँ”!
फिर मैंने पूछा कि आपके पति कैसे हैं?

तो उसने अपना सिर नीचे कर लिया और फुसफुसाकर बोली- ठीक है!
लेकिन मैं उसके चेहरे पर चाहत देख सकता था।

मैंने उनसे पूछा- आपके बच्चे कहां हैं?
तो उसने कहा- अभी नहीं. लेकिन योजना बन चुकी है.

अब हम दोनों व्हाट्सएप पर चैट करने लगे.
वह मुझसे इसलिए जुड़ गई क्योंकि वह मुझसे वह सुख चाहती थी जो उसे अपने पति से नहीं मिल पाता था।

एक रात 10 बजे हम बातें कर रहे थे और वह अचानक अलविदा कह गई।
मैंने भी अलविदा कह दिया.

6-7 मिनट बाद उसने हैलो कहते हुए दूसरा मैसेज भेजा.

मैंने उससे पूछा- अमिता को क्या हुआ?
उसने कुछ नहीं कहा!
और एक दुखद इमोजी ट्वीट किया.

मैंने कहा- बताओ क्या दिक्कत है?
तब उन्होंने कहा- वे मेरा ठीक से ख्याल नहीं रख पाए. वे मेरी ज़रूरतें पूरी नहीं कर सके. मैं एक बच्चा चाहता हूं लेकिन मुझे बच्चा नहीं मिल रहा है. अब मैं क्या करूं?

फिर मैंने इस मौके का फायदा उठाते हुए थोड़ा पीछे हटते हुए कहा- ये मौका काबिल लोगों को दो!
उसने कहा- मैं समझा नहीं?

इसलिए मैं कहता हूं – हर नवविवाहित महिला को उम्मीद होती है कि उसका पति बिस्तर पर अच्छी तरह से संघर्ष करेगा और अपनी पत्नी को संभोग सुख देगा! लेकिन आपके साथ ऐसा नहीं हुआ.

उसे कुछ भी कहने में शर्म आ रही थी क्योंकि मैं उसके पति के बारे में बुरा बोल रहा था।

फिर हम दोनों ने शुभ रात्रि कहा और बिस्तर पर चले गये।

अगले दिन अमिता एक खूबसूरत ड्रेस पहन कर ऑफिस आई और नीचे ब्रा नहीं थी। अब मुझे उसकी चुचियाँ साफ़ दिख रही थीं.

इस बार वो इशारा कर रहा था, पर मैं समझ नहीं पाया.
आज वह फिर दस्तावेज़ लेकर मेरे पास आई और जानबूझकर उन्हें मेरे चरणों में रख दिया।

अब जैसे ही मैंने फाइल उठाई तो वो झट से घुटनों के बल बैठ गई.
तो उसके गोल स्तन मेरे पैरों से छू गए।
वह यह सब जानती थी.

इससे मेरा लंड खड़ा हो गया.

अब उसने अचानक से मेरे हथियार पर हाथ रख दिया और खड़ी हो गयी.
उसने जल्द ही मेरे 8 इंच के लंड को महसूस कर लिया!

सॉरी कहकर वह सीधी खड़ी हो गई और बोली- मुझे माफ कर दीजिए, मैंने यह हाथ गलत जगह डाल दिया।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मुझे पसंद है.

लेकिन अब वह आगे बढ़ी और अपनी सीट पर बैठ गयी।
आज उसने जो कुछ किया… वह मेरे लिए उसे चोदने का निमंत्रण था।

लेकिन वह अभी पूरी तरह तैयार नहीं थी.

मैं खड़ा हुआ, उसके पास गया और उसे चूमा।
उन्होंने कहा- ये ठीक नहीं है. अगर कोई देख ले तो क्या होगा?
मैंने कहा- क्या तुम उदासी में जीना चाहती हो?

फिर मैं उसके पीछे आ गया और उसके स्तनों को अपने हाथों से पकड़ लिया।

दो-तीन मिनट के बाद उसने मेरे हाथों को अपने शरीर से अलग कर दिया.
लेकिन उन्होंने वहां अपने समय का आनंद भी लिया।
फिर मैं बाहर चला गया.

अगले दिन वह ऑफिस नहीं आई।
मैंने उसे फोन किया और उससे पूछा कि वह क्यों नहीं आ रही है।

तब अमिता ने बताया कि उसके पति विवेक तीन दिन के लिए दिल्ली जा रहे हैं इसलिए वह आज नहीं आई।
मैंने पूछा विवेक अब कहाँ है?
उसने कहा कि वह चला गया है।

दोस्तों अब अमिता घर पर अकेली है.

मैं शाम को घर आता हूँ. रात के खाने के बाद नौ बज चुके थे।

मैंने अपनी पत्नी समीक्षा से कहा- आज मुझे ऑफिस में नाइट शिफ्ट में काम करना है. जो कार्य करना है वह अवश्य करना चाहिए।
वह ऑफिस जाने की बात कहकर घर से निकला था।

अब मैं हाथ में वाइन लेकर अमिताभ के घर के बाहर हूं।

मैंने दरवाजे की घंटी बजाई.
अमिता ने अपने नाइटगाउन में दरवाज़ा खोला।

उसने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा कर बोली- सौरभ, तुम इस समय यहाँ हो?
मैंने कहा- उस दिन मेरा जो काम रह गया था.. वो आज पूरा हो जाना चाहिए।

उन्होंने कुछ नहीं कहा और मुझे अंदर बुलाया.
मैं समझ गया कि अब वह ये सब झेलने के लिए तैयार है.

朋友们,时隔很长一段时间后的今天,我将拥有一个光滑的阴部。一个年轻的已婚妇女……就像一个女孩一样。
今天,她的身体和胸部将落入我的手中。

我走过去坐下。她也走到我面前坐下。
朋友们,她知道我今天不操她就不会接受。

我们都成为了非常亲密的朋友。有时她会叫我亲爱的或宝贝,我也常常这样叫我。

他说维韦克在电话中说他明天晚上回来。

然后我打开酒,把阿弥陀叫到近前。我让他只喝瓶子里的水。

她走近但拒绝喝酒。
但我强迫她只喝了一点。
我自己也喝了一些。

朋友们,喝酒后我的性爱时间增加了,所以我今天特意喝了一杯。

现在,我不再浪费时间,紧紧地抱住了阿弥陀。
她开始说——离开索拉布……不是现在……一段时间后!

但我不是一个会停下来的人。
我脱掉她的睡衣,给她换上胸罩和内裤。
红色胸罩、红色内裤……这是我最喜欢的颜色。

现在她雪白的身子就出现在我的面前。
我从没想过我这么快就能操这个小穴!

现在我打开她胸罩的钩子,松开她圆滚滚的胸部,开始用手按摩它们。

她开始呻吟。
但她看起来并不是弱女子之一。

然后,在挤压和吸吮她的胸部十分钟后,我将她的内裤向下拉。
现在她的红粉红色的阴户变得可见了。上面连一根头发也没有。就好像你刚刚清理过一样。

我让她躺下,将一根手指插入她的阴部,并将一只手放在她的胸部上。
我不断地在阴户上移动手指。

她的呻吟让我更加兴奋。

一段时间后我告诉她——现在你喜欢棒棒糖了。
她拒绝了,说——我觉得很肮脏。我从来没有对维韦克这样做过。

मैंने कहा- यदि तुमने मजा लेना है तो तुमको ये करना पड़ेगा.
उसने मेरे लण्ड को आजाद किया और उसे देखते ही बोली- सौरभ, इतना बड़ा … मैं इससे तुम्हें नहीं करने दूँगी.

अब मैंने देर न करते हुए लण्ड उसके होंठों पर रखकर अंदर पेल दिया.
और वो भी लॉलीपॉप की तरह से चूसने लगी.

मैं भी जन्नत की सैर करने लगा.
उसके मुलायम होंठ, उनके बीच में मेरा लण्ड … वो नजारा ही कुछ और था.

अब मैंने जोर जोर से कुछ झटके दिए जिससे लण्ड गले के नीचे उतर गया.

अमिता की आँखों से आँसू निकल आये.
लेकिन उसने कुछ नहीं कहा क्योंकि वो मजे ले रही थी.
यह मजा उसको पहली बार मिला था.

उसे खुश देखकर मैं फिर लेट गया और लण्ड चूसने दिया.

अब वो मेरे पैरों के बीच में बैठकर लण्ड चूस रही थी.
उसने करीब 15 मिनट और लण्ड को चूसा.
फिर मैं उसी के मुंह के अंदर झड़ गया, वो मेरा सारा पानी पी गई.

ऐसा रोमांस अमिता ने कभी नहीं किया था.

अब मैंने भी उसको लिटा कर करीब 20 मिनट उसकी चूत को चूस चूस कर उसका पानी निकाल दिया.
अमिता बहुत खुश हो गई.

लेकिन अब उसको असली मजा मिलना बाकी था.
वो लेटी रही.

अब मेरा लण्ड फिर से तन गया. मैंने उसको कहा- अब चुदाई करनी है.
उसने कहा- मेरे 1 दिन बाद से पीरियड्स चालू हैं.
तो उसने विवेक के लाये कंडोम में से एक पैकेट निकाला.

उसमें से एक कंडोम खोल कर वो मेरे लण्ड पर चढ़ाने लगी और दोनों हाथों की मदद से चढ़ा भी दिया.
लेकिन हमेसा की तरह आज भी कंडोम आधे लंड पर ही आया.

मैंने उसको कहा- मुझे कंडोम नहीं लगाना है. मुझे प्रेग्नेंट करना है तुम्हें … विवेक तो कर नहीं पायेगा.

उसने कहा- यार यह गलत है. मैं फंस जाऊंगी. उसको शक हो गया और मैं पकड़ी गई तो दोनों का तलाक हो जायेगा.
मैंने उसको कहा- कल तुम विवेक के साथ सेक्स कर लेना तो उसको शक नहीं होगा. और मैं तुम्हारे साथ हूँ, चिंता मत करो.

फिर भी उसने मना कर दिया.

अब मैंने उसके एक पैर को अपने कंधे पर रखा और लण्ड को पहले 3-4 मिनट तक चूत के ऊपर रगड़ता रहा.
अमिता मुझे कहने लगी- डालो … अब अंदर डालो.

मैंने कहा- तुम तैयार हो लेकिन मुझे नहीं डालना है.
उसने कहा- क्यों?
मैंने कहा- अंदर डालूँगा तो कंडोम अलग कर ही डालूँगा.

अमिता से रहा नहीं गया, उसने खुद अपने हाथ से कंडोम निकाल के अलग कर दिया.

अब मैं खुश होकर आराम आराम से अंदर डालने लगा.
लेकिन ज्यादा लम्बा और मोटा होने के कारण लंड अंदर जा नहीं रहा था.

अमिता पहली बार इतना बड़ा और मोटा लण्ड लेने जा रही थी.

मैंने एक बार ऊपर उठकर उसके मुख में डाल दिया.
अब लण्ड चिकना हो गया अब थोड़ा से थूक उसकी चूत पर लगाया. अब लण्ड को आराम आराम से डाला तो थोड़ा सा अंदर गया.

इतने में ही अमिता के मुख से कामुक आवाज निकल आई- अअअअअ सौरव दर्द हुआ!
मैं जानता था कि उसे दर्द होगा.
लेकिन अमिता ये दर्द सहने को तैयार थी.

मैंने अमिता से पूछा- ज्यादा दर्द हुआ तो?
उसने कहा- मैं सहन कर लूंगी. बस मेरी प्यास बुझाओ.

लेकिन अमिता आज उस दर्द से गुजरने वाली थी जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था.

मैंने अमिता के मुँह पर टेप लगा दिया.
दोस्तो, जब मैंने अपने हनीमून में अपनी दुल्हन समीक्षा को पूरा दम लगा के चोदा था तो कमरा आवाजों से गूंजता रहा था.
और वो अगले दिन दोपहर में 2 बजे उठी थी. उसको मैं ही तीन बार उठा के बाथरूम में ले गया था.

अब यहाँ अमिता मुझे ग्रीन कार्ड दे चुकी थी.

मैंने अब उसके दोनों पैरों को उसी से सिर के बगल में रख कर हाथों से दबा लिया.
अब उसके हाथ पैर मेरे हाथों में थे.

इधर उसकी चूत मेरे लण्ड को साफ साफ खुली दिख रही थी.
उसकी दरार पर मैंने लण्ड रखकर जोर से धक्का दिया.

मेरा लण्ड बस थोड़ा सा बाहर रहा और पूरा अंदर चला गया.

मानो उसकी चूत फट गई हो … अमिता ऐसे चिल्लाते हुए रोने लगी और पैरों को दम लगा के हिलाने लगी.

मैंने थोड़ी रुकना ही सही समझा और उसको किस किया और कहा- क्या हुआ? तुम तो तैयार थी. अब दर्द सहो.
उसने कहा- ठीक है.

अब मैंने अपनी ताकत लगाते हुए धक्के देने शुरु किये.
अमिता की भी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी. फिर उसने आंसू नहीं बहाए.

लेकिन वो हिक हिकक अअअअअ एई ऊऊऊ करती रही.

मैं अंदर डालता तो मेरा लण्ड मानो उसके पेट में अंदर जा रहा हो, बच्चादानी में टकरा रहा हो, ऐसा लगता था.

फिर करीब 10 मिनट के बाद मैंने उसको वैसे ही पीछे से पकड़ कर उठा लिया.
अब मैं जमीन पर खड़ा था और वो मेरे हाथों से झूला झूल रही थी.

और मेरा लण्ड उसी रफ्तार में चुदाई कर रहा था. फच फच की आवाज आ रही थी.
अमिता- आह हहाया ईई ऊऊऊ सौरभ … आअज मजा आ रहा है … ययय एईई ऊऊईईई!

फिर मैं उसको गोद में वैसे ही पकड़ कर बिस्तर पर बैठ गया.
मैं नीचे पैर फैला कर बैठा था और वो मेरे लण्ड पर उछल रही थी.

जब उसको दर्द होता तो वो अच्छे से नहीं उछलती.
मैंने अपने हाथों से पकड़ कर उसे उछालना शुरु किया.
अब वो रुक नहीं पा रही थी.

करीब 10 मिनट ऐसी चुदाई के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में किया और लण्ड को पीछे से एक ही झटके में अंदर कर दिया.
वो बोली- आया ययययय एईई मर गई आज तो … विवेक बचा लो मुझे आज … मम्मी ये तो आज जान ले लेगा!

अब मैं समझ गया कि वो झड़ने बाली है.
मैंने उसके पिछवाड़े को थप्पड़ मार मार कर लाल कर दिया.

अब वो पूरी लाल दिखने लगी. उसके गाल, होंठ, बूब्स. चूतड़ चूत … सब लाल!

मैंने उसे तेज तेज चोदना शुरु किया.
वो झड़ गई.

लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था, मैंने उसको अब खड़ा किया और टेबल पर सिर रख के पीछे से चूत की फांकों में लण्ड फंसा के चोदना शुरु किया.

उसकी टाइट चूत को मैं ढीली करता जा रहा था और सोच रहा था कि समीक्षा में वो मजा नहीं आया कभी जो आज अमिता मुझे दे रही है.

अब वो थक चुकी थी.
मैंने उसको सीधा लिटा दिया और उसके पैर ऊपर हवा में करके चोदने लगा.
उसका पेट हिल रहा था और दूध पट पट कर रहे थे.

मैंने उसके गालों पर 3-4 और लापड़े दिए और अपनी स्पीड बढ़ा दी.

अब वो ‘आह यया ऊईई ऊऊह ऊऊ उम्माह’ करने लगी. वो और तेज चिल्लाने लगी.

मैंने उसका मुंह पकड़ कर अपनी स्पीड को बनाये रखा और 15-16 झटकों के बाद अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.
पानी पूरा अंदर पहुच गया.

इधर वो भी फिर से झड़ चुकी थी.
लेकिन मेरे प्रेशर से उसका पानी बाहर नहीं आया, अंदर चला गया.

इस लम्बी चुदाई के बाद हम दोनों लेट गए.
उसने कहा कि पहली बार ऐसा सेक्स किया है.

फिर हम दोनों सो गय.

करीब 2 बजे रात में मेरी नींद खुली.
फिर मैंने अमिता को जगा कर एक 40 मिनट की चुदाई की जिसमें अमिता ने बहुत मजा लिया.

सुबह 11 बजे दोनों उठे.

रात की चुदाई इतनी खतरनाक थी कि अमिता चूतड़ उठा के चल रही थी.

विवेक को रात 8 बजे आना था. मैंने तब तक वहीं रुक कर 2 बार उसकी गांड मारी और 2 बार चूत मारी.

उस दिन मुझे कमजोरी लगने लगी थी और अमिता भी लस्त पड़ गई थी.

रात को विवेक के साथ उसने सेक्स किया.
फिर 1 दिन की छुट्टी के बाद वह ऑफिस आई.

फिर तो मैं लंच में एक राउंड दरवाजा बन्द करके लगा देता था.

वो प्रेग्नेंट हो चुकी थी.

इधर मेरी पत्नी ने एक लड़के को जन्म दिया और उधर में अमिता के प्रेगनेंसी के 2-3 महीने तक मैंने जमकर चुदाई का मजा लिया.

अब उसका उसका 9वां महीना है और वो पिछले लम्बे अरसे से छुट्टी पर है.

दोस्तो, आपको मेरी जूनियर गर्ल सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं? मुझे कमेंट्स में बताएं.
आपका धन्यवाद।

लेखक के आग्रह पर इमेल नहीं दिया जा रहा है.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *