मैं गांव गया. अपनी मौसी की बेटी का खूबसूरत बदन देख कर मेरा मन अपनी बहन को चोदने का करने लगा. रात को सोते समय मैंने हवस के मारे अपनी बहन की चूत को छेड़ा..
मेरा नाम अफ़ज़ल है, मेरी उम्र 21 साल है। मैं मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरे लिंग का साइज़ 7.2 इंच है. लिंग की मोटाई 2.5 इंच है. मुझे सेक्स बिल्कुल पसंद है. आप इसे मेरी चाहत भी कह सकते हैं. मुझे चोदना बहुत पसंद है.
यह पहली कहानी है जो मैं आपको इस वेबसाइट पर बताऊंगा। अगर कहानी लिखने में कुछ भी ग़लत हो तो उसे नज़रअंदाज़ करें।
मैं हर साल इस गांव में जाता हूं. मेरी मौसी वहां रहती हैं. ये कहानी वहां भी प्रासंगिक है. यह बात दो साल पहले की है जब मैं छुट्टियों पर गाँव में था।
वहां मैंने अपनी मौसी के घर पर काफी समय बिताया और उनके परिवार से अच्छी तरह घुल-मिल गया। मेरी मौसी की दो बेटियाँ और एक बेटा है। उस वक्त घर पर मेरी मौसी और उनकी बेटी ही थे. उनका बेटा दूसरे स्थान पर काम करता है।
आंटी का कुँवारा शरीर काफ़ी भरा हुआ है। उसके स्तन बहुत बड़े थे और उसकी गांड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया।
एक दिन मैं सोफ़े पर बैठ कर टीवी देख रहा था। इसी समय रुखसार (बुआ की बेटी) कमरे में सफाई करने के लिये आयी।
जब मेरी नज़र उस पर पड़ी तो मुझे उसके स्तन साफ़ नज़र आ रहे थे। उसने पजामा पहन रखा था. उसके चूचे देख कर मेरी लार टपकने लगी.
मैं उसके स्तनों को घूर रहा था जब उसने मुझे देखा। वो पूछने लगी- क्या देख रहे हो?
मैंने कुछ भी नहीं कहा।
वो मेरी बात सुनकर मुस्कुराने लगी. जैसे ही वह कमरा साफ करने लगी और बाहर जाने लगी, उसने मेरे गाल को प्यार से थपथपाया और मुस्कुराते हुए बाहर चली गई।
मेरा लिंग पहले से ही खड़ा है. मैं उसके मम्मे दबाने और उसकी चूत चोदने के लिए तरस रहा था. रात में मैंने किसी तरह खुद पर काबू पाया. रात को जब वे दोनों सो गये तो मैं भी वहीं लेट गया। रुक्सा का बिस्तर मेरे बिस्तर के बगल में था। आंटी भी सो रही हैं. मेरे लिंग में हलचल होने लगी.
मैं चुपचाप उठा और रुक्सा की ओर चल दिया। वह सो रही है। मैं उसके पास गया और उसके बगल में लेट गया। मुझे लगता है मौका अच्छा है. मेरा लिंग पहले से ही खड़ा है.
मैं उसके बगल में लेट गया और धीरे से अपना हाथ उसके मोटे, बड़े स्तनों पर रख दिया। मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था क्योंकि पास में ही मेरी चाची भी सो रही थी.
बिस्तर फर्श पर है. मैंने धीरे से रुक्सा के मम्मे दबाये. उसके मुलायम स्तनों के संपर्क में आते ही मेरा लंड बेकाबू हो गया. मैं उसके स्तनों को थोड़ा जोर से दबाने लगा. फिर भी उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
उसका शरीर और भी गर्म होता जा रहा था और मैंने उसके स्तनों को जोर से दबाया। फिर मैंने अपना हाथ उसके नाइट गाउन के अंदर डाल दिया. अपने पजामे को अपने पैरों पर उठाना शुरू करें। उसकी मुलायम जांघें सहलाते हुए मेरा हाथ उसकी पैंटी पर भी पहुंच गया.
अब मैं अपने आप को रोक नहीं सकता. मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया. मैं उसकी बड़ी गांड को दबाते हुए अपने लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा. मुझे बहुत आनंद आया। उसकी चूत दूसरी तरफ थी.
मैं उसकी चूत को छूना चाहता था. जब आंटी खड़ी हुईं तो मैंने उनकी गांड पर हाथ रख दिया. मैं अचानक बग़ल में घूम गया. मैंने तुरंत रुक्सा का पजामा उतार दिया और सोने का नाटक करने लगा.
मैंने देखा कि मौसी उठकर पानी पीने के लिए रसोई में चली गईं और फिर वापस आकर मेरे बगल में लेट गईं। मैं कुछ देर वैसे ही लेटा रहा. मुझे चिंता थी कि चाची देख लेंगी कि मैं क्या कर रहा हूँ।
मुझे नहीं लगता कि यह जोखिम लेने का सही समय है। आंटी उनसे कुछ ज्यादा ही सट कर लेटी हुई थीं. मैं वहीं चुपचाप लेटा रहा. मैं सो गया, सो गया.
आधी रात को करीब एक बजे मेरी आंख खुली. मैंने अपने बगल में आंटी को देखा लेकिन उनकी साड़ी उनकी छाती पर नहीं थी। मौसी के टॉप में उनके बड़े-बड़े स्तन देखकर मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था।
आंटी के चूचे उनकी बेटी रुखसार से भी बड़े थे. चाची के स्तन उनके ब्लाउज को फाड़ कर बाहर निकलते दिख रहे थे। उन्हें इस हालत में देख कर मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका और हाथ बढ़ाकर चाची के स्तनों को छूने लगा.
उसके स्तन सचमुच बहुत सुन्दर हैं। मैंने कभी इतने बड़े स्तन वाली औरत नहीं देखी. धीरे-धीरे मेरी हिम्मत बढ़ती गई और मैं मौसी के स्तनों को छूने लगा। अब मैं बीच-बीच में उसके स्तन भी दबाता रहा।
मैंने दूसरी तरफ देखा तो रुक्सा सो रही थी. मैं मौके का फायदा उठाकर आंटी के टॉप के बटन खोलना चाहता था. बटन ऑन करते ही उसके स्तन उछल पड़े. ऐसा लगा जैसे किसी ने कबूतर को पिंजरे से बाहर निकाल दिया हो।
चाची के स्तनों के निपल्स भूरे रंग के हैं. मैंने देखा कि उसके निपल्स भी बहुत बड़े थे. मैंने अपनी जीभ से चाची के स्तनों और उनके निपल्स के बीच की दरार को चाटा। वाह.. उसके सीने से बहुत ही मादक खुशबू आ रही थी। मैं आंटी के स्तनों को चूसने लगा.
मैंने उसके बड़े स्तनों को दबाया और उसके निपल्स को चूसा. जब मैंने ऐसा किया तो मेरा लंड फटने को हो गया. लिंग में दर्द होने लगता है. अब मैं अपने आप को रोक नहीं सकता. मेरे लंड को एक छेद की ज़रूरत थी और मैं देख सकता था कि यह मेरी चाची की चूत जैसा था।
मैंने धीरे से चाची के पेट से साड़ी हटा दी और उनके पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया. अब चाची की नाभि से पेटीकोट का नाड़ा खुल गया था. अब आंटी की चूत उससे ज्यादा दूर नहीं थी.
जब मैंने उसका पेटीकोट उतारा और देखा कि अन्दर क्या था तो मेरी लार टपकने लगी। आंटी की बालों से भरी चूत ठीक मेरे सामने थी. वो नजारा देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया. मैं मौसी की चूत चाटने लगा.
मौसी की चूत की खुशबू मुझे सच में पागल कर रही है. मैंने उसकी बालों वाली चूत को मजे से चाटा और चूसा. मुझे नहीं पता कि आंटी जाग रही हैं या सो रही हैं. मैं तो बस मजा ले रहा था.
ठीक दो मिनट बाद मुझे अपने सिर पर किसी का हाथ महसूस हुआ। मैंने सिर उठाया तो आंटी जाग चुकी थीं. उसने एक हाथ से मेरे सिर को सहलाया. मैंने मौसी की चूत से अपनी जीभ हटाई तो उन्होंने मुझे फिर से अपनी चूत चाटने का इशारा किया.
मैं फिर से उसकी चूत को चूसने लगा. अब मैंने अपनी जीभ आंटी की चूत में डाल दी. उसकी चूत के रस का स्वाद मेरे मुँह में आने लगा.
अब मैंने एक हाथ से उसके स्तनों को सहलाया और दबाया। दूसरे हाथ से मौसी की जांघ को सहलाया. मेरी जीभ आंटी की चूत में अन्दर तक घुस गयी.
अब आंटी अपनी चूत को ऊपर की ओर उठाने लगीं. मैं करीब दस मिनट तक मौसी की चूत का रस चाटता रहा. अचानक उसकी चूत से पानी निकलने लगा.
योनि से तरल पदार्थ बाहर निकलने के बाद आंटी थोड़ी निश्चिंत हो गईं। आंटी की नजर मेरी पैंट पर पड़ी. मेरा लंड भी मेरी पैंट को गीला करने लगा. मेरा लिंग पहले से ही खड़ा था और बुरी हालत में था।
आंटी ने मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे खड़े लंड को सहलाया और दबाया. मेरा लंड लोहे की तरह सख्त हो गया. मेरे लंड का आकार और तनाव देख कर चाची के चेहरे पर मुस्कान आ गयी.
फिर उसने मेरी पैंट खोली और मेरी पैंटी नीचे खींच दी. मेरा लंड देख कर चाची अचानक बोलीं- आह्ह … तुम तो सच में बड़े हो गए हो … ऐसा लंड मैंने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा.
मैंने कहा- कोई बात नहीं आंटी, अभी जी भर कर देख लो.
इतना कह कर मैंने अपना लंड मौसी के मुँह से लगा दिया. आंटी ने मेरे सने हुए लिंग को देखा, लिंग-मुंड को चाटा और तुरंत पूरा लिंग अपने मुँह में ले लिया। मैं आनंद में डूब गया.
आंटी मेरा लंड चूसने लगीं. लिंग इतना तनावग्रस्त हो गया कि मैं उसे रोक नहीं सका. मैंने अपना लंड मौसी के मुँह से बाहर निकाला.
आंटी हांफते हुए बोलीं- अपना समय ले लो.
मैंने फिर से अपना लंड चाची के मुँह में डाल दिया और धक्के लगाने लगा. ऐसा लग रहा था जैसे मैं अपनी मौसी का मुँह चोद रहा हूँ।
जब दूसरी बार मेरा लंड दो मिनट तक चूसा गया तो मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया और मैंने चाची की टांगें फैला दीं. मैंने अपने लिंग के टोपे पर ढेर सारा थूक पोंछ लिया।
मैंने अपना लंड मौसी की चूत पर रखा और जोर से धक्का मारा. आंटी चिल्लाने ही वाली थीं कि मैंने उनके मुँह पर हाथ रख दिया. मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और अपना लंड उनकी चूत में डालता रहा. इससे पहले कि मैं दूसरी बार जोर लगाता, चाची की आंखों से आंसू निकल पड़े.
दो मिनट रुकने के बाद मैंने फिर से धक्का लगाया. मेरे लिंग का सिर पहले से ही अंदर था। मैं धीरे-धीरे अपने लिंग को आगे की ओर धकेलता रहा। धीरे-धीरे चाची का दर्द कम हो गया और पूरा लिंग चाची की योनि में समा गया।
अब आंटी को मेरे लंड से चुदाई का अहसास अच्छा लगने लगा. मैं मामी की चूत चोदने लगा. चाची के मुँह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं. उसकी बेटी रुक्सा भी उसके साथ सोयी थी. इसलिए आंटी ने ज्यादा शोर नहीं मचाया.
मैं आंटी की चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा. आंटी की आंखें बंद होने लगीं. मैंने भी इसका भरपूर आनंद लिया. मुझे भी अपनी चाची की चूत चुदाई का बहुत मजा आया.
मुझे अपनी चाची की गर्म चूत चोदने में बहुत मजा आया. आंटी के निपल्स पहले से ही खड़े थे और मैं बीच-बीच में उन्हें अपने दाँतों से काट लेता था। जैसे ही आंटी ने ऐसा किया तो उनके मुँह से आह निकल गई.
सेक्स में दस मिनट लगे और मैं झड़ने के करीब था।
मैंने अपनी चाची को बताया कि मैं गर्भवती होने वाली हूं।
आंटी ने कहा- मेरी चूत में अपना लंड झाड़ दो। मेरी चूत की प्यास बुझा दो.
मैंने मौसी की टांगों को घुटनों से पकड़ लिया और मौसी की चूत में तीन-चार बार जोर-जोर से धक्के मारे और अचानक मेरा लंड सख्त होने लगा। अचानक मेरे लंड से वीर्य निकलने लगा और मैंने सारा वीर्य मौसी की चूत में भर दिया.
फिर मैं थक कर एक तरफ लेट गया. लेकिन दस मिनट बाद आंटी फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं. तभी मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने फिर से मौसी की चूत चोदी.
तीसरी बार मैंने चाची को पूरी नंगी करके घोड़ी पोजीशन में चोदा. ऐसे ही मैंने अपनी चाची की चूत को चोदने का पूरा मजा लिया. उस रात मैंने अपनी चाची की चूत को तीन बार चोदा और सुबह तक उन्हें सोने नहीं दिया. रुखसार के उठने से पहले मैंने मौसी की चूत को खूब चोदा.
मैंने आंटी से रुक्सा के लिए अपनी चाहत जाहिर की. आंटी भी मेरे लंड की दीवानी हो गयी थी. इसलिए आंटी खुद ही रुखसार की चूत चोदने के लिए तैयार हो गईं.
यह जानने के लिए जुड़े रहें कि मैंने अपनी मौसी की बेटी रुखसार की चूत कैसे चोदी और मौसी ने मेरी कैसे मदद की। इस कहानी पर अपनी राय साझा करना न भूलें. अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो कृपया मुझे नीचे दी गई मेल आईडी पर ईमेल करके बताएं.
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