पैसों की कमी के कारण बन गया कॉल बॉय

मसाज सेक्स स्टोरी में जब मैं मसाज सर्विस से जुड़ा तो एक आंटी ने मुझे मसाज के लिए होटल भेजा. चाची को देख कर मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझसे सेक्स करने के लिए कह रही हों.

दोस्तों मैं छत्तीसगढ़ से हूं.
हालाँकि मैं स्वभाव से बहुत सरल था, मुझे पैसों की बहुत ज़रूरत थी, इसलिए मैं कॉल बॉय बन गया।

मैंने कुछ दोस्तों से पैसे उधार लिए और वापस नहीं कर सका।
वो लोग मुझे परेशान करने लगे.

मैं इंटरनेट पर कुछ नौकरियाँ ढूंढ रहा हूँ।

कुछ देर बाद जब मैं बोर होने लगा तो मेरी नजर एक सेक्सी लड़की की फोटो पर पड़ी और मैंने उसे क्लिक कर लिया.
जैसा कि बाद में पता चला, उस क्लिक ने मेरी जिंदगी बदल दी।

यहीं से मसाज सेक्स कहानी शुरू होती है.

वहां से कई वेबसाइटों के जरिए मैं एक ऐसी जगह पहुंचा जहां मेहनती लड़कों की जरूरत होती है और उन्हें मसाज ब्वॉय बनने के लिए कहा जाता है।
मुझे लगता है कि और कुछ नहीं तो बेहतर होगा।

यह कुछ उपलब्ध शहरों के नाम देता है, जिसमें मेरे शहर का नाम भी शामिल है।
मैंने फ़ोन नंबर सहित अपना विवरण भर दिया।

तभी मेरे व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया और वहां से मुझे मसाज जॉब का ऑफर मिला.
मुझे पैसों की जरूरत है इसलिए मैं कोई भी काम करने के लिए तैयार हूं।’

वहां से कहा गया कि आपको क्लाइंट से मिलना होगा। आपको उनकी इच्छा के अनुसार काम करना होगा और फिर आपको पैसा मिलेगा।
मैं नौकरी के लिए राजी हो गया और दो दिन बाद मुझे एक स्थान पर जाने के लिए कहा गया।

जब मैं गया तो वह ओयो होटल था। जब मैंने पूछा कि मैं जिस जगह जाना चाहता हूँ, वह कमरा पहले से बुक था।
मैं उस कमरे में आ गया. वहां एक आंटी मेरा इंतजार कर रही हैं.

आंटी बहुत आकर्षक हैं, उनकी आँखों में हवस भरी हुई है।

उसने गिलास से शराब पी और धूम्रपान किया।
मैं समझ गया कि वहां बैठकर मुझसे बात करना एक बड़ा मौका था।’

एक बार जब मुझे उसकी अनुमति मिल गई और मैं अंदर गया, तो उसने सिर हिलाकर मुझे अंदर आमंत्रित करना शुरू कर दिया और खुश दिखने लगी।

उनकी कातिल मुस्कान देख कर मुझे ऐसा लग रहा था मानो मौसी ऐसे मुस्कुरा रही हों जैसे वो मेरा लंड चूसने जा रही हों.

एक पल के लिए मुझे समझ नहीं आया कि क्या करूँ।
वह मुझसे क्या पूछेगी या क्या करने को कहेगी…यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं था।

मुझे देखकर उसने वाइन का गिलास मेज पर रख दिया और फिर अपनी उंगलियों के बीच सिगरेट लेकर सोफे पर लेट गई।

उसने अपने हाथ सोफे की पीठ पर रखे और अपनी टाँगें फैला दीं।

वो उस वक्त किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह लग रही थी. उनका फिगर भी बेहद कातिलाना है.
मिल्क 34, उनकी कमर का साइज 30 है और वो अभी भी बैठी हैं, उनके बट का साइज समझ नहीं आता, मिल्क 36 के हिसाब से भी बट का साइज 36 इंच से कम नहीं हो सकता.

मैं सोचने लगा कि अगर मुझे इसकी मसाज करनी पड़े या चोदना पड़े तो मजा आ जाए.

मुझे देख कर बोलीं, ”हैलो, लिटिल बॉय…” फिर वह मुस्कुराते हुए खड़ी हो गईं और मेरे करीब आ गईं.
इससे पहले कि मैं कुछ सोच पाता, उसने मुझे गले लगा लिया.

पहले तो मैं थोड़ा झिझक रहा था, लेकिन उसकी बांहों की गर्माहट से मुझे ठंडक महसूस हो रही थी।

सच में मुझे उनके साथ आलिंगन करने में बहुत सुकून मिल रहा था.
कुछ मिनट तक मैं उनके गले से लगा रहा.

अब मेरे मन में सब कुछ साफ हो गया था कि मैडम की मसाज़ सेक्स करने का पैसा मिलने वाला है.

जब मैंने उनके गले में किस किया तो वो कसमसाने लगीं.
अगले कुछ ही पलों में हम दोनों के बीच चूमाचाटी का दौर चल उठा और वे मेरे होंठों को किस करने लगीं.

मैं अपने हाथों से उनके चूतड़ों को भींच कर अपने लंड का अहसास उन्हें करवाने लगा.

करीब दस मिनट तक आंटी मेरे होंठों को चूसती रहीं और मेरे खड़े हो चुके लौड़े को अपनी टांगों में रगड़ती रहीं.

उसके बाद उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए और ब्रा पैंटी में आ गईं.
मैंने भी उन्हें नंगी होते देख कर अपने सारे कपड़े उतारना शुरू कर दिया.

कुछ ही पलों बाद हम दोनों लगभग नंगे हो गए थे.
मतलब मैं पूरा नंगा था और वे ब्रा पैंटी में थीं.

आंटी ने मेरे लंड को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगीं.
वे काफी देर तक लंड चूसती रहीं और मैं अकड़ने लगा.

जब मुझसे रुका न गया तो मैं झड़ने लगा और वे मेरे सारे वीर्य को पी गईं.

अब वे बिस्तर पर बैठ गईं और उन्होंने फिर से एक सिगरेट सुलगा ली.

मैं भी झड़ा हुआ झंडू सा उन्हें देख रहा था.
आंटी ने मुझसे पूछा- सिगरेट पीते हो?

मैंने हां में सर हिला दिया.
आंटी ने अपनी सिगरेट मुझे थमा दी और खुद ने उठ कर शराब की बोतल उठा कर उससे दो पैग बनाने लगीं.

दारू के साथ सोडा डालकर पैग बनाए और उन्होंने दोनों गिलास के आगे खुद को खड़ी कर लिया, जिससे मुझे पैग दिखना बंद हो गए.
उनका एक हाथ कुछ हरकत करने लगा. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तो मैं बस चुपचाप सिगरेट का धुआं उड़ाता रहा.

उसके बाद आंटी दोनों गिलास लेकर मेरे पास आईं और एक गिलास मेरी तरफ बढ़ा दिया.
मैंने गिलास थामा और हम दोनों चीयर्स बोल कर सिप लेने लगे.

जल्द ही पहला पैग खत्म हो गया था. आंटी ने वापस मुझसे सिगरेट सुलगाने के लिए कहा.
मैंने सिगरेट सुलगाई और उनकी तरफ देखने लगा.

वे मेरे लौड़े की तरफ देख रही थीं जो उठ चुका था.

आंटी ने लंड देखते हुए कहा- दोबारा पैग बनाओ.
मैं लंड हिलाता हुआ उठा और दोनों गिलासों में शराब डालकर पैग बनाने लगा.

इस बार आंटी ने मेरी गोदी में बैठ कर शराब का लुत्फ उठाया और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से छेड़खानी करने लगे.
न जाने क्यों अब मेरे अन्दर कुछ अजीब सी उत्तेजना भरने लगी थी.

मैं आंटी की गांड में अपने कड़क होते लंड से खुद आश्चर्यचकित था.
मेरा लंड एकदम फौलाद सा होता जा रहा था.

अब मैंने आंटी की ब्रा के हुक को खोला और उनके मम्मों से निकालते हुए ब्रा को अलग कर दिया.
इसके बाद आंटी घूम कर मेरी गोदी में बैठ गई थीं तो मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में भर लिया और खींच खींच कर चूसने लगा.

मुझे आंटी के दूध चूसने में बहुत मजा आ रहा था.
वे भी आंख बंद करके सिसकारियां ले रही थीं. उनकी मादक आवाज से मेरे अन्दर एक अजीब सी उत्तेजना भर रही थी.

मैंने शराब का जाम पीते हुए उनके दोनों निप्पलों को खूब चूसा.

दोनों दूध चूस लेने के बाद मैं नीचे को हुआ और आंटी की नाभि को किस किया.

उनके जिस्म में एक सिहरन सी हुई और वे खिलखिलाने लगीं क्योंकि उनको गुदगुदी सी हो रही थी.
अब मैंने आंटी की पैंटी को भी निकाल दिया और उनकी चूत को देखा.

आंटी की चूत फैल कर भोसड़ा बन गयी थी और उसमें से बहुत सारा पानी निकल रहा था.

मैंने अपनी दो उंगलियां चूत में डाल दी. वह आह करती हुई सिसकारी लेने लगी थीं.
वे बोलीं- शराब डालकर चूत को चूसो.

मुझे उनका ये आइडिया सही लगा.
फिर मैंने उनको बेड पर लिटाया और उनकी चूत में शराब डाल कर उसको चाटने लगा.

मस्त स्वाद आने लगा था.
शराब की कड़वाहट और चूत का खट्टा कसैला स्वाद मिल कर मस्त टेस्टी सा मजा दे रहे थे.

एक बार मैं एक बार में ब्लडी मैरी का पैग मँगवाया था.
उसमें जिन के साथ टमाटर जूस को मिक्स करके बनाया गया था.

आज उस ब्लडी मैरी का स्वाद मुझे आंटी की चूत में शराब डालकर चाटने से फिर से आने लगा था.

आंटी को भी अपनी चूत चटवाने में बहुत सुकून मिल रहा था.
वे अपनी गांड उठाती हुई मेरे मुँह में चूत दे रही थीं और बहुत ज्यादा मचल रही थीं.

कुछ मिनट तक मैं आंटी की चूत चाटता रहा … फिर वे झड़ गईं.
अब वे फिर से मेरे लंड को चूसने लगीं.

लंड खड़ा हो गया तो मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनके दोनों पैरों को अपने दोनों कंधों पर रख कर पोजीशन बना ली.
अपने कड़क लंड को मैंने उसकी चूत में सैट कर दिया और धीरे धीरे लंड अन्दर घुसेड़ने लगा.

आंटी के चेहरे में खुशी का अहसास झलक रहा था.

फिर जैसे ही मैंने एक जोरदार धक्का मारा, तो आंटी की चीख निकल गयी.
वे गाली देने लगीं- धीरे चोद मादरचोद … मजा लेने आई हूँ, दर्द सहने नहीं!

मैं आंटी को धीरे धीरे करके चोदने लगा.
कुछ समय बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उन्हें जोर जोर से चोदने लगा.

अब वे मस्त हो गई थीं और आह आह की आवाज निकाल रही थीं.
उनकी बॉडी मेरी बॉडी से रगड़ रही थी, चूत से लंड फाट फाट करते हुए आवाज कर रहा था.
इस सबकी मिली जुली आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी.

आंटी अपनी आंखें बंद करके मुस्कुरा मुस्कुरा कर चुदवा रही थीं.
कुछ मिनट के बाद मैंने आंटी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे से लंड पेल कर चोदना चालू कर दिया.

वह और जोर जोर से आहें भर रही थीं.
मुझे भी मजा आ रहा था, तो मैंने आंटी की कमर पकड़ ली और फुल स्पीड में जोर जोर से चोदना चालू कर दिया.

वह मजे से चुदवा रही थीं.

कुछ पल बाद मैंने उन्हें वापस बेड पर लिटा दिया और उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर लंड को चूत पेल दिया.
लंड अन्दर पेलते ही मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से चोदने लगा.

वे अब तक दो बार झड़ चुकी थीं और मेरे लंड को अभी असर ही नहीं हुआ था.
वे बार बार रुकने के लिए कह रही थीं, मगर मैं उनकी एक नहीं सुन रहा था.

अचानक उन्होंने हाथ जोड़ते हुए कहा- अब रहने दे मेरे बाप … मुझसे अब और नहीं चुदवाया जा रहा है.
उनकी इस तरह की बात सुनकर मुझे हंसी आ गई कि यह चुदवाती हुई अपने बाप को याद कर रही है.

मैंने रुक कर उन्हें चूमा और कहा- लेकिन मैडम, मेरा अभी नहीं हुआ है!
वे बोलीं- मैं मुँह से कर दूँगी.

मैंने अपने लौड़े को आंटी की चूत से बाहर खींचा और उनके मुँह की तरफ कर दिया.

आंटी ने मेरे लंड में लगे सफेद झाग को देखा जो उनकी चूत के रस और मेरे लंड की मेहनत के कारण बन गए थे.

तब आंटी ने लौड़े को अपने मुँह में ले लिया और सारा माल चाट कर साफ कर दिया.

मैं बिस्तर पर चित लेटा हुआ था और आंटी मेरे टट्टों को सहलाती हुई मेरे लौड़े को चूसती जा रही थीं.
उनके होंठों की रगड़ लंड पर बड़ा आराम दे रही थी.

कुछ देर बाद मैं आंटी के मुँह में ही झड़ गया और वे मेरे सारे माल को गटक गईं.
हम दोनों निढाल होकर लेट गए.

उसके बाद हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया.

फिर मैडम ने मुझे एक लिफाफा दिया, जो नोटों से भरा हुआ समझ आ रहा था.

मैंने सर झुक कर उनका शुक्रिया किया.
तो उन्होंने कहा- इसमें मेरा फोन नंबर भी है. मैं मैसेज करूंगी तो आते रहना!

मैंने हामी भरी और कमरे से बाहर आ गया.
इसके बाद मैं कॉल बॉय बन गया और जल्द ही मैंने अपने दोस्तों से लिए कर्ज को चुका दिया.

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