इंस्टाग्राम पर दिल्ली की लड़कियों के साथ आनंद लें

ओयो होटल सेक्स स्टोरी में मैंने एक खूबसूरत जवान लड़की के साथ सेक्स का मजा लिया. मैं उनसे इंस्टाग्राम पर मिला था. लंबी बातचीत के बाद मुझे उनसे परिचय हुआ.

मेरा नाम लुओहान (छद्म नाम) है।
अब मैं 22 साल का हूं.
मेरी हाइट 6 फीट 2 इंच है.

दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.
मैं तब नया-नया जवान हुआ था।

मुझे एक दोस्त से अन्तर्वासना वेबसाइट के बारे में जानकारी मिली तो मैंने एक कहानी पढ़ी।

उस दिन के बाद से मैं इस साइट का फैन हो गया और हर दिन इस साइट पर सेक्स कहानियाँ पढ़ता हूँ।

लेकिन उस समय मेरे पास एक या दो जीबी डेटा ही था, जो एक महीने के लिए काफी था।
इसलिए मैं अक्सर सेक्स कहानी पढ़कर मुठ मारने के लिए तैयार हो जाता हूं.

वर्तमान में, मैं एक ऐसी कंपनी के साथ काम कर रहा हूं जो कार्य प्रतिबद्धताओं के कारण मुझे भारत में कहीं भी भेजती है।

यह घटना जनवरी 2021 में घटी.
उस समय मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी.
मेरा अब तक 3 लड़कियों से ब्रेकअप हो चुका है।

मैं इंस्टाग्राम पर चूत जैसी लड़कियों की तलाश करता था।
वह हर खूबसूरत लड़की को मैसेज भेजता था और दिल में उम्मीद रखता था कि आज उसे किसी से प्यार हो जाएगा।

टाई के साथ भी…मुझे मेरी भाभी पसंद नहीं है…वह लोगों पर अच्छा प्रभाव नहीं डालती।
कौन सा बेहतर है, रिश्ता बेहतर है, वो भाभी तो पहले ही दूर हो चुकी है.

बस ऐसे ही आगे बढ़ते रहो.

एक दिन मेरी मुलाकात दिल्ली की एक लड़की से हुई.
वह बिल्कुल हॉट हैं.
मैं तो उसे देख कर पागल हो गया.

मेरी कैदी का नाम शहाना (छद्म नाम) है और उसकी उम्र 21 साल है.
मैं उसके शरीर के सटीक आयामों को नहीं जानता।
लेकिन वह स्लिम और बहुत सेक्सी हैं.

हालाँकि दूरी भी बहुत है, मुझे यह पसंद है, इसलिए मैं संपर्क में रहता हूँ।

उनसे बात की.
मेरे बारे में कुछ चीजें हैं जो उसे पसंद हैं।
जैसे कि मेरे बोलने का तरीका, मेरा रवैया…मेरा हेयरस्टाइल।

मैं उससे बात करने लगा.
मुझे नहीं पता था कि मैं इस कैदी के साथ अपने जीवन के सबसे अच्छे वर्षों में से एक बिताऊंगा।
ऐसे ही बातचीत चलती रही.

मैं बातचीत करने में काफी अच्छा हूं, इसलिए मुझे सेक्स के बारे में बात करने में ज्यादा समय नहीं लगा।
वैसे भी मैं किसी भी लड़की से सेक्स करने के 3-4 दिन के अंदर ही बात करना शुरू कर देता हूं.
चाहे वो कोई भी लड़की हो.

विचार यह था कि या तो लड़की सकारात्मक प्रतिक्रिया देगी या भाभी इसे रोक देगी।
हम लड़कों का भी यही नियम है, अगर अच्छा है तो कोई बात नहीं, नहीं तो फिर से इंस्टाग्राम पर सर्च करना शुरू कर दो।

तो इस लड़की को मुझसे सेक्स के बारे में बात करना अच्छा लगने लगा.
इस तरह मैंने उसके साथ सब कुछ साझा किया।

वह भी निर्भीक होकर बोलने लगी।
चूत में उंगली करना…लंड का हस्तमैथुन करना…जघन के बाल हटाना।
ये सारी बातें बहुत सार्वजनिक तौर पर होने लगीं.

दोस्तो, उस लड़की से सेक्स के बारे में बातें करना अब इतना रोमांचक हो गया है, अब आप सभी लड़कों को अपना लंड पकड़ लेना चाहिए और लड़कियों को अपनी चूत में उंगलियाँ डाल लेनी चाहिए क्योंकि अब यह गारंटी है कि आप विरोध नहीं कर पाएंगे।

एक दिन मैं उससे अपनी चूत में उंगली करने के बारे में बात कर रहा था.

उसने मुझे बताया कि हर लड़की उसके साथ उंगली करती है लेकिन किसी ने मुझे नहीं बताया।
उसने मुझे यह भी बताया- हर लड़की की चूत का रस 8-10 मिनट में निकल जाता है. मैंने खुद ही एक में दो उंगलियां डाल दीं.

उस दिन मुझे लगा कि ये बंदी मुझसे जरूर चुदेगी.

इसी तरह वह अपने स्तनों आदि की तस्वीरें भी भेजने लगी।

मेरी जिद है कि तुम मुझे भी अपनी चूत की तस्वीर भेजो.
लेकिन कुतिया इससे सहमत नहीं थी.

लेकिन हम फिर भी जारी रखते हैं।
जब उससे बात करके मेरा लंड अकड़ जाता है तो मैं पोर्न में ब्लू फिल्में देखकर मजा लेता हूं.

मैं आठ महीने तक उसके साथ रहा।
फिर मेरी कंपनी वाले ने मुझे हरियाणा जाने की तारीख बताई.

घटना 22 जनवरी की है.
मैंने शहाना से बात की और उससे कहा- मैं यहाँ कंपनी में काम करने आया हूँ.. क्या तुम मुझसे आकर मिल सकती हो?

मैं उस समय दक्षिण भारत में था.
ये तो आप भी जानते हैं कि दक्षिण भारत का मौसम दिल्ली जितना ठंडा नहीं है.

उन्होंने मेरे आगमन की तारीख आदि के बारे में पूछा और मुझसे मिलने के लिए तैयार हो गये।

तब तक वह मुझसे प्यार करने लगी थी.
फिर भी करो.

जैसे ही उसने हाँ कहा, मैं दूसरी दुनिया में पहुँच गया।
मैं सोचता था कि पहली बार किसी लड़की को गले लगाऊंगा, चूमूंगा, उसके मम्मे दबाऊंगा, पिऊंगा, उसकी चूत देखूंगा, अपना लंड दिखाऊंगा.
पता नहीं वह क्या सोच रहा है.

कब जाना है और कब उसे चोदना है, इस पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं था।

आख़िरकार यह दिन आ ही गया.

मैंने इससे पहले ओयो के एक होटल में कमरा बुक किया था.
वह इतनी उत्साहित थी कि दक्षिण भारत से दस कंडोम का एक पैकेट भी ले आई।

भैनचोद, सच कहूँ तो मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा कि मैं दिल्ली जा रहा हूँ जहाँ मुझे एक ऐसी लड़की भी मिलेगी जो अपनी चूत सौंपने को तैयार है। होटल ओयो मैं सेक्स के लिए तरस रहा था.
आख़िरकार चौबीस घंटे की यात्रा के बाद मैं दिल्ली पहुँच गया।

मैं सुबह 5 बजे पहुंचा.
यहां ठंड बहुत ज्यादा है.
जब मुझे ठंड लगती है तो मेरे कूल्हे फट जाते हैं।

मैं जितनी जल्दी हो सके अपने होटल के कमरे में गया, अपने आप को कंबल से ढक लिया और आराम करने लगा।

फिर भी मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं बस यही सोच रहा था कि शाहाना कब आएगी, कैसे आएगी और क्या होगा।

फिर मैंने कंडोम बैग को फाड़ दिया और उसे बाहर निकाला और यह देखने के लिए अपने लिंग पर लगाया कि आखिरी समय में उसे केएलपीडी तो नहीं मिल जाएगी।
दीदी, मैं दिल्ली की लड़की हूं, ऐसा न हो कि वे मुझे छेड़ने लगें और मुझे कुतिया समझने लगें।

किसी लड़की के साथ सेक्स करने का यह मेरा पहला मौका था।
अभी तक बकवास के अलावा कुछ नहीं हुआ है.’

फिर सुबह 9 बजे उसका कॉल आया.
वो बोली- मैं यहीं हूँ.. आप बाहर आ जाओ।

मेरी रगों में खून उबलने लगा और मेरी बुद्धि बंद हो गई।
मैंने उनसे फोन पर दो-तीन मिनट तक बातचीत की और फिर उनसे पूछा कि आप किसकी तरफ हैं?

जैसे ही मैंने उसे देखा..आह, नशा टूट गया। वह अच्छा लग रही है।
उन्होंने अपने सिर और गर्दन पर हल्के भूरे रंग का दुपट्टा पहना हुआ था।

मैं कसम खा सकता था कि अब तक तो यह एक लड़की के साथ सेल्फी लेने जैसा था, इसलिए यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है…और अब लड़कियां खुद ओयो में आ रही हैं।

आपका भाई उस दिन एक अलग ही लेवल पर था.
जैसे ही वह आई भैनचोद मेरी तो उससे हाथ मिलाने की भी हिम्मत नहीं हुई.

एक छोटे से गांव का लौंडा और वह दिल्ली की बंदी.
सच बता रहा हूँ कि इस तरह से सामने से मिलने पर मेरी फट गयी थी.

फिर मैं अन्दर आ गया.
रिसेप्शन पर एक बुड्ढा बैठा था.

वह बोला- सेकंड पर्सन लड़की है?
मैं बोला- हां … पर ओयो पर तो जेंडर और बाकी डीटेल्स को लेकर कुछ भी पूछा ही नहीं था. यदि पूछा जाता, तो डाल देता. मैंने ऑलरेडी पूरा पेमेंट भी किया था, बाद में यह सब बोलकर परेशान ना करें.

बुड्ढे ने समझ लिया कि लौंडा तेज है, वह उसने कहा- ठीक है.
उसने केवल शहाना का आधार कार्ड पूछ लिया.

शहाना आधार कार्ड नहीं लाई थी.

उसने अपने मोबाइल में मेल में सारे डॉक्यूमेंट्स आदि सब चैक कर लिए, पर आधार नहीं मिला था.
उसके पास परिचय के लिए उसके परीक्षा के एडमिशन कार्ड आदि सब थे, पर बुड्ढा उनसे संतुष्ट नहीं था और मान ही नहीं रहा था.

वह बोला- सर आप यहां सोफा पर बैठ कर बात कर सकते हैं, लेकिन अन्दर ले जाना है तो आधार कार्ड जरूरी है.
घर वापस जाकर लाने में तो दो घंटा लग जाते.

वह बोली कि मैं दिन में ही रुक सकती हूँ. रात को नहीं रुक सकती हूँ.
मैंने कहा- कोई सहेली का माँग ले. क्योंकि उसका आधार डाउनलोड करने पर ओटीपी का एसएमएस उसके बाप के मोबाईल पर जाने वाला था.

बिना ओटीपी के होने वाला नहीं था.

शहाना ने सहेली से बात की तो उसने मना कर दिया.
वह बोली- पापा को फोन कर देती हूँ कि कॉलेज का काम है, आप ओटीपी भेज दो.

मैं उसका आधार नंबर डाउनलोड करने लगा. साइट ने ओटीपी भेज दी.
एक बार ओटीपी डाल दी, पर डाउनलोड नहीं हुआ.

फिर से एक बार ओटीपी के लिए कॉल किया. इस बार काम हो गया.
मैं खुश हो गया. अब साला फिर से पासवर्ड पूछने लगा. इसमें भी कुछ मिनट लग गए.

फिर बुड्ढे ने आधार कार्ड ले लिया और शहाना के थंब इंप्रेशन लेकर जाने दिया.
मैं बहुत खुश हुआ.

फिर कमरे के लिए सीढ़ियों पर चढ़ते समय मैंने शहाना से हाथ मिलाया.

‘हैलो … दिस इज रोहन.’
उसने भी हंस कर हाथ मिलाया.

फिर इतनी लंबी टिकिर-पिकिर के बाद रूम में पहुंच ही गए.

रूम में पहुंचते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उसकी तरफ देखा.

उसकी दिल की धड़कनें इतनी तेज हो गईं, जो उसके छोटे छोटे समोसे जैसे मम्मों के ऊपर से ही साफ दिख रही थीं.

शहाना दिल्ली की थी जरूर, मगर शरीफ लौंडिया थी.
वह घबरा गयी थी.

मैंने कहा- अरे आराम से बैठो … किसी बात की जल्दी नहीं है और न ही हरेक बात जरूरी है. जिसमें तुमको खुशी मिले, वह मेरे लिए भी अच्छा है.
कुछ मिनट के बाद वह थोड़ी सामान्य हुई.

मैं हवस का भूखा प्राणी उस पर टूट पड़ा.
मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया.

बापू कसम … क्या महक रही थी वह … उसके जिस्म के हर जर्रे से खुशबू का सैलाब आया हुआ था.

मैं जब दूसरों की सेक्स कहानी यह बात पढ़ता था कि क्या खुशबू थी उसके जिस्म की … तो मैं सोचता था कि साला चूतिया बना रहा है.
लेकिन कसम से जो खुशबू उसकी बॉडी से आ रही थी, वह कमाल की थी.

उसके शैंपू से धोये हुए बाल, जो मेरे चेहरे पर आ रहे थे … एकदम रेशमी सा अहसास करवा रहे थे.
उसके छोटे छोटे बूब्स, जो मेरे सीने में टकरा रहे थे, तो मन कहने लगा था कि यही है जन्नत … सच में मैं उसकी बांहों में खुद को पाकर जन्नत की सैर करने लगा था.

ऐसे ही कभी ऊपर, कभी नीचे … हम दोनों दस मिनट तक एक दूसरे से लिपटते रहे.

इतनी देर में शहाना एक शब्द भी नहीं बोली.
उसके चेहरे पर घबराहट सी थी.

वह भले ही कुछ कह नहीं रही थी पर उसके चेहरे पर वह सब साफ झलक रहा था.
मैं उसे किस करने लगा.

उसने मुझे अपने होंठों पर चुंबन करने नहीं दिया.
मैं तब भी लगा रहा और मुझे उसके जिस्म का जो भी हिस्सा चूमने को मिलता, मैं उसे वहां चूम लेता था.
चाहे गला हो, गाल हो या उसकी छाती का खुला हिस्सा ही क्यों न हो.

वह मेरे साथ बेचैन होने लगी थी.
अब मैं उसके बूब्स मसलने लगा, उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए पीठ को सहलाने लगा.

जनवरी में दिल्ली की सर्दी और शहाना के जिस्म की गर्मी दोनों में एक रस्साकशी सी चल रही थी.

मैंने जब से होश संभाला था, तब से जवान लड़की के दूध इतने नजदीक से नहीं देखे थे.
मैं पहली बार शहाना के बूब्स देख रहा था.
पहली बार ही मम्मों को हाथ सहला रहा था और दबा भी रहा था.

कुछ ही देर बाद मैंने शहाना के एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और पीने लगा.
उसको भी मज़ा आने लगा था.

मैं एक दूध को सहलाता था, एक को पीने लगता था.
थोड़ा ज़ोर से दबाता तो उसे दर्द होता था.

अब तक पॉर्न फिल्मों में जो भी देखा था और सेक्स कहानियों में पढ़ा था, वही सब धीरे धीरे ऊपर से नीचे तक चल रहा था.

मैं उसके जिस्म के हर गुंदाज हिस्से को दबाने लगा.
कभी वह मना करती, कभी सहयोग करती.

फिर मैंने स्वेटर उतारने को बोला.
वह मना करने लगी.

मैंने कहा- सिर्फ़ स्वेटर ही उतारो. टी-शर्ट नहीं उतारना.
वह मान गई.

थोड़ी देर बाद टी-शर्ट की बारी आई तो वह मना करने लगी.

उसने कहा- बूब्स तो देख ही लिए … अब क्या बाकी रहा है?
मैंने कहा- उतार दे ना यार!

उसने नखरे करते हुए टी-शर्ट और ब्रा को निकाल दिया.
मैंने भी अपनी टी-शर्ट और बनियान निकाल दी.

हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर पड़े रहे
वह मेरी कुछ हरकतों को करने से मना करती, तो मैं उसका हाथ पकड़ कर दबा लेता था.

मैंने फिर से लिप-किस के लिए ट्राइ किया.
वह मना करने लगी.

मैं उसकी पैंट खोलने की कोशिश करने लगा तो उसने मना कर दिया.

फिर वह उठकर दूर जाकर बैठ गयी.
मैं उसे मना कर अपनी बांहों में उठा लाया.

अब मैंने उसकी बेल्ट खोल दी और पैंट का हुक भी खोल दिया.
वह कुछ समझ पाती कि मैंने उसकी पैंट ज़ोर से नीचे को खींच दी और निकाल कर दूर फेंक दी.

अब मेरे सामने शहाना अपनी काली पैंटी में थी.
सच में क्या माल लग रही थी.

इतनी गोरी गोरी टांगें, इतना गोरा पेट, छोटे छोटे गोरे गोरे तने हुए बूब्स!
मेरा लंड तो वैसे ही कमरे में आने के बाद से ही खड़ा था लेकिन अब तो यह हॉट नज़ारा देखते ही इतना ज़ोर से लहराया कि क्या क्यूँ!

लंड की झुरझुरी देख कर शहाना भी हंस दी.
उसकी नजरों में मेरे लंड का उभार साफ दिखने लगा था.

मैंने उसकी मुस्कान देख कर अपनी पैंट खोल दी.
अब हम दोनों अंडरवियर में थे.

मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और उसके ऊपर पड़ा रहा.
वह सिसकारने लगी तो मैंने बिना देर किए उसकी पैंटी भी निकाल दी.

मैंने उसकी चूत को देखा तो वह पूरी गीली थी.
तभी मैंने अपनी भी अंडरवियर उतार कर फेंक दी.

मेरा लौड़ा सलामी देने लगा था.
मुझे रहा नहीं जा रहा था.

दोस्तो, जैसे पॉर्न में होता है, वैसे ही मैंने भी उसकी चूत चाटने की सोची.
उसकी दोनों टांगें उठा कर फैलाईं तो मेरे सामने चूत पर हल्के हल्के काले बाल थे.

उसकी चूत शेष जिस्म की दूधिया रंगत के सामने थोड़ी काली थी.

उस वक्त उसकी चूत बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थी.
मैंने अपना मुँह बंद कर लिया और कुछ सेकंड तक उसकी चूत के ऊपर रगड़ दिया.

मुझसे चूत को चाटा नहीं गया, पता नहीं क्यों … घिन सी आई.

उसके बाद मैंने कंडोम निकाल कर अपने लौड़े पर चढ़ाया.
वह भी साला पूरा आखिर तक चढ़ा ही नहीं.

वह देख कर मना करने लगी- प्लीज इस बार नहीं प्लीज.
उसने बताया कि वह ओयो के कमरे तक आ गई थी और यह जताने आई थी कि वह मुझसे प्यार करती है, इसलिए ही आई थी.

उसे शायद सेक्स भी करना था लेकिन वह डरती थी.
क्योंकि किसी महान चूतिए या चूतियन ने उससे कहा होगा कि कंडोम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता है.

मैंने उससे बहुत बोला लेकिन वह मना करती रही.
फिर मैं वैसे ही उसे अपनी बांहों में लेकर नंगा लेटा रहा.

मैंने उसके सामने कंडोम में ही मुठ भी मार ली.
मैं इतना ज्यादा गर्म हो चुका था कि पांच मिनट में ही सारा माल निकल गया.

मैंने कंडोम निकाल कर एक कागज की पुड़िया में पैक किया कि बाहर कहीं फेंक दूंगा.
उसके बाद हम दोनों नंगे ही चिपक कर कंबल ओढ़ कर लेटे रहे.

मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा. लंड तो डाल ही नहीं सका.
फिर ऐसे ही लेट कर चुम्मा चाटी हुई और उसके बाद कपड़े पहन कर कुछ फ़ोटो लिए.

बाहर घूमने गए, पिज़्ज़ा खाया, लौड़ा लस्सुन यही सब चलता रहा.

जो बंदा एक बंदी को ओयो तक लेकर आया, उसे नंगी भी कर सकता था, वह उसे चोद भी सकता था.
लेकिन मैंने उसका फ़ायदा नहीं उठाया.

दोस्तो, मेरी ओयो सेक्स कहानी यहीं खत्म हो गई थी.
आपको सेक्स कहानी कैसी लगी, नीचे कमेंट्स में जरूर बताना.

अभी सितंबर 2022 में उससे फिर से मिलने जा रहा हूँ.
इस बार उससे तय कर लिया है कि 100% सेक्स करेंगे.

वह भी चुदने के लिए राजी हो गई है. देखो क्या होता है!

दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में फिर से मिलेंगे.
आप इस होटल ओयो सेक्स कहानी पर कमेंट्स जरूर करें.
[email protected]

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