बहन की गांड की भाई से चुदाई करवा दी मेरी चतुर बीवी ने! पहले उसने मेरी बहन की चूत मुझसे चुदवा दी थी. फिर हम तीनों एक साथ सेक्स करने लगे.
दोस्तो, मैं मोहित आपको अपनी सगी बहन की सीलपैक चूत और गांड चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी चालाक बीवी का गजब कारनामा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी बीवी की मदद से अपनी सगी बहन की चूत फाड़ दी थी और अब वो मुझसे गांड मरवाने के लिए राजी थी.
अब आगे बहन की गांड की भाई से चुदाई:
मैं अपनी बहन और कोमल को बारी बारी चोदता था.
कोमल को नीतू के सामने ही चोदता था और नीतू चुदाई सीखती.
मैं कोमल की हर बार गांड मारता था इसलिए नीतू भी बोलने लगी थी- भैया मेरी गांड कब मारोगे?
मैं भी बोल देता- मारूंगा बहन, तुम्हारी भी गांड जरूर मारूंगा.
बहन को चोदते चोदते मुझे तीस दिन हो गए थे.
अब मैं अपनी बहन की चूत चुदाई के समय उसकी गांड में उंगली भी करने लगा था इससे मेरी बहन की गांड ढीली होने लगी.
फिर वो दिन भी आ गया, जिस दिन बहन की गांड मारनी थी.
मैं ऑफिस से घर आया, फ्रेश हुआ खाना खाया.
अब घर में कोमल और बहन नाइटी या नंगी ही रहती थीं क्योंकि मेरा घर चारों तरफ से ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है.
मैंने टाइम देखा तो 9 बजे रहे थे, कोमल और नीतू ने भी खाना खा लिया था.
वो दोनों नाइटी में ही थीं.
फिर मैंने नीतू से पूछा- गांड मरवाने के लिए तैयार हो?
नीतू बोली- हां भैया, मैं तो कब से तैयार हूँ.
मैं बोला- तो ठीक है. चल रूम में आ जा. कोमल तुम गांड चुदाई के लिए क्रीम और 2 इंच मोटा वाला डिल्डो ले आ जाओ.
हम तीनों रूम में आ गए और दोनों अपनी नाइटी उतार कर नंगी हो गईं.
मैंने दोनों को किस किया, नीतू की चूचियां दबाने लगा और जोर जोर से उसे किस करने लगा.
फिर मैंने अपनी बहन को सोफे पर झुका दिया जिससे नीतू की गांड मेरी ओर हो गई.
मैंने नीतू की चूत में डिल्डो धीरे धीरे अन्दर तक घुसा दिया.
नीतू का मुँह कोमल की ओर था.
उधर कोमल नीतू को किस करने में लगी थी. वो एक दूसरी के बूब्स दबा रही थीं.
इधर मैंने अपनी उंगली में क्रीम लगाई और धीरे धीरे नीतू की गांड में उंगली घुसाने लगा.
नीतू की गांड बहुत सूखी थी, तो मैंने कुछ ज्यादा सी क्रीम अपनी बहन की गांड में लगा दी. उंगली को भी थोड़ा थोड़ा करके अन्दर तक घुसा दिया.
धीरे धीरे मैंने अपनी एक उंगली को बहन की गांड में आगे पीछे की, तो नीतू उचकने लगी.
मैं धीरे धीरे उंगली से बहन की गांड चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद दो उंगली से चोदने लगा.
ऐसे करते करते मैंने तीसरी उंगली को भी गांड में घुसा दिया.
अब मैं अपनी तीनों उंगलियों से बहन की गांड चोदने लगा.
ऐसे करते करते हम सभी को 11 बज गए थे.
अब तक नीतू की भी गांड काफी खुल गई थी.
मैंने फिर से गांड में क्रीम भरी और अपने लंड पर भी क्रीम लगा ली, फिर नीतू की गांड में धीरे धीरे लंड घुसाना शुरू कर दिया.
लगभग 4 इंच घुसा कर मैं थोड़ी देर रुक गया.
नीतू को कोई खास दर्द नहीं हो रहा था.
मैंने डिल्डो को थोड़ा और अन्दर घुसाया और अन्दर बाहर करने लगा.
नीतू को अब थोड़ा दर्द होने लगा, इसलिए मैं धीरे धीरे उसकी गांड को चोदने लगा.
थोड़ी देर में मेरी बहन को दर्द की जगह मजा आने लगा.
मैंने लंड थोड़ा और घुसा दिया और गांड चोदने लगा.
ऐसे ही करते करते पूरा लंड नीतू की गांड में समा गया और आगे चूत में डिल्डो फंसा हुआ था.
मैं नीतू की गांड कस कसके मारने लगा.
बहन की गांड की भाई से चुदाई चलती रही. अब नीतू को भी मजा आने लगा.
ऐसा पन्द्रह मिनट तक चला.
अब मैं झड़ने वाला था तो मैं नीतू की गांड में ही झड़ गया.
नीतू भी झड़ गई.
उसके बाद मैंने अपनी बीवी की गांड मारी और उन दोनों को लंड का माल खिलाया.
फिर इसी तरह एक साल तक मैंने अपनी बहन की चूत गांड चोदी.
अब मेरी बहन नीतू का शरीर भी सुंदर लगने लगा था और वो बहुत ही सेक्सी बन गई थी.
चुदाई और योगा के कारण नीतू का फिगर बदल गया था.
उसके 34 के बूब्स 28 की कमर और 36 की गांड हो गई थी.
इसी सुन्दरीकरण नीति के चलते अब नीतू के लिए अच्छे अच्छे रिश्ते आये और बहुत ही जल्दी उसकी शादी भी हो गई.
नीतू की ससुराल में उसके पति और देवर और एक सुंदर सी ननद थी.
सास ससुर बूढ़े थे जो अकसर बीमार ही रहते थे.
नीतू की सुहागरात के दिन उसके पति को पता ना चले कि वो पहले से चुदी है, उसके लिए नीतू को मैंने तीन महीने से नहीं चोदा था, उसको चूत टाइट करने वाली दवाई भी खिलाई थी.
मैंने चुदाई के टाइम नीतू को थोड़ी दर्द की और रोने की एक्टिंग करने भी बोल दिया.
फिर वो सुहागरात में भी पास हो गई.
नीतू का पति रेलवे में जॉब करता था. वो तीन महीने में 7 दिन के लिए घर आता था.
शादी के दस दिन के बाद नीतू का पति जॉब पर चला गया तो मैंने नीतू से अपने पास आने के लिए कहा.
नीतू बोली- सास ससुर नहीं मान रहे हैं.
फिर कुछ दिन बाद उसके सास ससुर मान गए तो नीतू मेरे पास वापस आ गई.
मैंने नीतू से सुहागरात के बारे में पूछा तो उसने सब बताया.
आप उसी की जुबान में सुनिए:
भैया क्या बताऊं, उसका लंड छोटा और पतला है. मैं रूम में थी और बैठी हुई थी.
लगभग 12 बजे वो कमरे में आया. वो दारू के नशे में था.
उसने अन्दर आकर गेट बंद किया और मेरे पास आ गया. मुझे किस करते हुए मेरे कपड़े उतारने लगा.
उसने पहले मेरी साड़ी का पल्लू नीचे किया और मेरे ब्लाउज को निकाल दिया. फिर मेरी ब्रा भी अलग कर दी.
वो मेरी चूचियां चूसने लगा और दबाने लगा.
फिर उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया.
वो बोला- नीतू तुम मेरा लंड चूसोगी!
मैंने मना कर दी.
वो फिर से बोला- प्लीज़ थोड़ा सा चूस दो.
मैंने फिर से मना कर दिया.
वो फिर से बोला कि प्लीज़ नीतू थोड़ा सा, ज्यादा नहीं थोड़ा सा चूस दो न.
मेरे मुँह में उसने अपना लंड घुसा दिया. मुझे जबरदस्ती लंड चुसाने लगा.
मैं भी चूसने लगी.
थोड़ी देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गया और मैंने उसकी मलाई पी ली.
इसके बाद उसने मेरी साड़ी निकाल दी और मेरा साया भी हटा दिया.
अंत में पैंटी भी निकाल दी और वो मेरी चूत चाटने लगा, धीरे धीरे उंगली से चोदने लगा.
तब तक उसका लंड भी खड़ा हो गया.
उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी टांगें फैला कर मेरी चूत में लंड पेल दिया.
मैं दर्द का नाटक करने लगी.
उसी समय मैंने पास रखी साड़ी की पिन से अपने एक उंगली में खून निकाल लिया और चूत के पास उंगली सटा दी, जिससे उसको शक ना हो.
उंगली से सफेद चादर में भी खून लगा दिया, जिससे घरवालों को भी लगे कि मेरी सील विजय ने ही फाड़ी है.
फिर मैं चुदाई का मजा लेने लगी.
लेकिन मेरे झड़ने से पहले ही वो मेरी चूत में ही झड़ गया. मैं गर्म की गर्म ही रह गई.
फिर मैं बाथरूम गई और उंगली करके चूत का पानी निकाल कर वापस आकर सो गई.
सुबह हुई, तो मैं नहाने चली गई.
नहा कर वापस आई तो मेरा पति रूम में नहीं था.
थोड़ी देर बाद मेरी ननद मेरे रूम में आई और बेड सीट पर खून देख कर बोली- कैसी हो भाभी, रात कैसी रही?
मैं बोली- अभी कैसे बताऊं, अभी तो ट्राय बॉल ही खेली है.
इस पर वो हंसती हुई मेरे गले में हाथ डाल कर पूछने लगी- रात को मजा आया या नहीं!
मैं बोली- सच बोलूं कि झूठ?
वो बोली- मुझसे सच बोलने में क्या प्रॉब्लम है … सच ही बोलो.
मैं बोली- सच बोलूं तो शुरूआत में सब ठीक था, पावर भी सही था लेकिन …
ननद बोली- लेकिन क्या भाभी?
मैं बोली- वो मुझे ठंडी नहीं कर पाए. उनका पहले ही निकल गया.
ननद बोली- सो सैड भाभी, तो आप गर्म ही सो गईं?
मैं बोली- तो और कर भी क्या सकती थी.
ननद से मैंने चूत में उंगली की बात नहीं बोली.
ननद- कोई नहीं भाभी जी, आज पहली बार का मामला था, तो हो सकता है कि भैया जल्दी ठंडे हो गए हों.
मैं- ठीक है.
फिर वो चादर लेकर चली गई.
थोड़ी देर बाद मैं रूम से बाहर आ गई.
बाहर मेरे देवर, सास ससुर और सारे रिश्तेदार सब मुझे मुस्कुरा कर देख रहे थे.
मैंने सास ससुर और सारे बड़ों के पैर छुए और किचन में आ गई.
मैंने पहली रसोई का खाना बनाया.
फिर रात हुई और मेरी चुदाई शुरू ही गई.
मेरा पति जल्दी झड़ गया, मैं गर्म ही रह गई.
वो रोज चोदता लेकिन मुझे ठंडा नहीं कर पाता.
ऐसे ही रोज ननद पूछती कि आज कैसा रहा, आज कैसा रहा.
मैं रोज उसको वही बताती कि मैं गर्म ही रह गई.
ऐसे करते करते दस दिन बीत गए.
फिर मेरा पति जॉब पर वापस चला गया.
अब मैं अकेले ही रूम में टीवी देख रही थी तो मेरी ननद भी मेरे पास सोने आ गई.
वो बोली- भाभी, मैं भी आपके ही पास सोऊंगी.
वो टॉप और शॉर्ट्स में थी और मैं नाइटी में थी.
मैं बोली- ओके सो जाओ, मेरा भी मन लगा रहेगा.
अब तक मैं और ननद काफी घुल मिल गए थे.
ननद बोली- आपको तो भैया ठंडा नहीं कर पाते हैं, तो अब आप क्या करोगी?
मैं- मैं क्या कर सकती हूँ!
ननद- अच्छा वो सब छोड़ो, शादी से पहले किसी से आप चुदी थी कि नहीं भाभी?
मैं- नहीं, क्यों … अच्छा तुम ये बताओ तुम भी किसी से चुदती हो क्या?
ननद- हां, मैं एक से नहीं, तीन तीन से चुदती हूँ.
मैं- क्या, पागल हो? एक से नहीं तीन से? वो भी शादी से पहले?
ननद- हां, तो क्या हुआ. मुझे बहुत मजा आता है भाभी. आप बोलो तो आपकी भी सैटिंग करवा दूँ?
मैं- मुझे कोई जरूरत नहीं है. तुम्हीं मजा करो.
ननद- अच्छा वो सब छोड़ो, मेरी चुदाई की वीडियो देखोगी!
मैं- नहीं, मुझे नहीं देखना.
लेकिन वो मेरे मना करने पर भी पैनड्राइव को टीवी में लगा आई और रिमोट से वीडियो चला दिया.
उस वीडियो में तीन लड़के और मेरी ननद अकेली थी. और तो और उस तीन लड़कों में एक लड़का मेरा देवर था.
मैंने ननद की ओर देखा और मैं कुछ बोलती, उससे पहले वो बोली- देखो भाभी मेरे भैया का लंड कितना बड़ा है? और जानती हो … ये ना बहुत मस्त चुदाई करते हैं. आप देखना इस वीडियो में.
फिर मैं बोली- तुम अपने भाई से चुदती हो, तुमको शर्म नहीं आती?
ननद- इसमें शर्म कैसी भाभी, मुझे लंड की जरूरत थी और भैया को चूत की. इससे मेरी जरूरत और उसकी जरूरत भी पूरी हो गई.
मैं- ठीक है, बंद करो ये वीडियो और सो जाओ.
ननद- पहले देखो ना भाभी, कैसे तीनों मुझे चोदते हैं.
मैं भी कुछ नहीं बोली और देखने लगी.
वीडियो में ननद को देवर और दो लड़के बहुत अच्छे और नई नई स्टाइल से मेरी ननद को चोद रहे थे, जिसे देख कर मैं गर्म हो गई. मेरी ननद भी गर्म हो गई.
मेरी ननद अपने बूब्स दबाने लगी और चूत मसलने लगी. ये देख कर मैं भी खुद को रोक नहीं पाई और अपने चूत को कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगी.
ये देख के ननद मेरे बूब्स दबाने लगी.
उसने मेरी नाइटी निकाल दी और ब्रा भी.
मैं कुछ नहीं बोली.
फिर उसने अपना टॉप भी निकाल दिया. वो ब्रा नहीं पहनी थी. उसने शॉर्ट्स भी निकाल दिया. वो पैंटी भी नहीं पहनी थी.
अब वो पूरी नंगी हो गई.
फिर मेरे पास आकर मेरे बूब्स दबाने लगी और मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसे किस करने लगी.
मुझे भी अच्छा लग रहा था, मैं भी ननद के बूब्स दबाने लगी.
अब उसने मेरी पैंटी भी उतार दी और मेरी चूत चाटने लगी.
मैं बहुत गर्म हो गई और मुँह से कामुक सिसकारियां निकालने लगी.
ननद बोली- भाभी लंड लोगी?
मैंने भी जोश में बोल दिया- हां ले लूंगी.
ननद बोली- ठीक है भाभी मैं एक मिनट में लंड लेकर आती हूँ.
वो बाहर गई और देवर को लेकर आ गई.
देवर भी नंगा था और उसका लंड भी खड़ा था.
ननद उसका लंड पकड़ कर ही उसको लेकर आ रही थी.
देवर का लंड बहुत मोटा और लंबा था. लगभग 2.5 इंच से 3 इंच मोटा और 8 इंच लंबा.
शायद उन दोनों ने पहले से ही मुझे चोदने का प्लान बनाया था.
देवर मुझे किस करने लगा.
मैं कुछ नहीं बोली.
थोड़ी देर बाद वो मेरे बूब्स दबाने लगा और थोड़ी देर बाद चूत चाटने लगा.
ननद मुझे किस करने लगी.
थोड़ी देर बाद देवर ने मेरे मुँह में लंड डाल दिया और मैं चूसने लगी.
उधर ननद हम दोनों का मोबाइल से वीडियो बना रही थी, फ़ोटो खींच रही थी.
मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
लगभग 20 मिनट लंड चूसने के बाद देवर मेरे मुँह में ही झड़ गया और मैं उसका रस पी गई.
उसके बाद ननद देवर का लंड मुँह में लेकर साफ करने लगी और चूसने लगी.
देखते ही देखते देवर का लंड फिर खड़ा हो गया.
इस बार देवर का लंड पहले से भी ज्यादा सुंदर और चमक रहा था.
ननद ने देवर के लंड पर कंडोम चढ़ाया और बोली- लो भैया, भाभी की चूत को चोदो. आप की चाहत आपके सामने नंगी है.
मेरे देवर ने मेरी चूत में अपना लंड रखा और चूत में धक्का दे मारा.
देवर के लंड टोपा भाभी की चूत में घुस गया.
फिर उसने एक और धक्का मारा, तो आधा लौड़ा अन्दर घुस गया.
मुझे दर्द होने लगा.
ननद मुझे किस करने लगी.
देवर आधे लंड से ही मेरी चूत चोदने लगा.
थोड़ी ही देर में मुझे मजा आने लगा, तो मैं आहें भरने लगी.
मैं ‘आआह ईईई ऊऊऊम्म्म …’ करने लगी.
ये देख कर धीरे धीरे देवर ने अपना पूरा लंड मेरे चूत में पेल दिया.
अब उसका लंड मेरी बच्चेदानी को छू रहा था.
मेरे पेट में ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई बांस मेरे पेट में चल रहा हो.
इधर देवर मुझे ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था.
उसने काफी देर तक लगातार मुझे चोदा.
इस बीच में दो बार झड़ गई थी.
फिर जब देवर झड़ने वाला था, तब देवर ने अपने लंड से कंडोम हटा दिया और लंड मेरे मुँह में लगा कर झड़ गया.
मैं अपने देवर के लंड का माल पी गई.
फिर मैंने टाइम देखा तो रात के 2 बज रहे थे.
हम तीनों एक दूसरे को किस करके तीनों नंगे ही सो गए.
दूसरी रात देवर ने मेरी गांड मारी और ननद की चूत चोदी.
उसने मेरी गांड को चोद चोद कर कुआं बना दिया.
अब ऐसे ही मैं रोज चुदने लगी और आपने बुलाया तो मैं कुछ दिन के बाद आपके पास आ गई भैया.
मेरे भैया भाभी ने मेरी दास्तान सुनकर ख़ुशी जाहिर की और मुझे चोदने के लिए बिस्तर पर खींच लिया.
दोस्तो, आपको बहन की गांड की भाई से चुदाई कहानी कैसी लगी. प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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