पहली बार ओरल Xxx स्टोरी में मुझे मेरे घर के पास रहने वाले एक लड़के से चोदा गया। वह मुझसे 4 साल छोटा है और हम भाई-बहन हैं.
दोस्तो, मेरा नाम रिन्जी है। मेरी उम्र 30 साल है और मेरा फिगर 34-32-36 है. मैं शादीशुदा हूं. मेरे पति एक क्लर्क हैं. अब मेरे दो बच्चे हैं.
मुझे सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है, इसलिए मैं अपनी कहानी आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूँ।
बहुत हिम्मत करके मैं आज आपको अपने जीवन की सभी सच्ची सेक्स कहानियाँ सुनाता हूँ।
मैंने पहली बार XXX कहानी तब सुनाई थी जब मैं 23 साल का था, यानी 7 साल पहले।
मैं उस समय पढ़ाई कर रहा था.
मेरे घर के पास एक लड़का रहता है. उसका नाम विशु है. वो 19 साल का था और उसका शरीर एकदम कसा हुआ था.
उनकी हाइट 5 फीट 8 इंच है.
विशु आकर्षक दिखता है.
वह अक्सर हमारे घर आते हैं और मैं अक्सर उनके घर जाता हूं.
वो मुझे बहन कहकर बुलाता था.
पहले मेरे मन में उसके बारे में भाई-बहन जैसा ही ख्याल था.
लेकिन शायद उसके मन में मेरे लिए कुछ और ही था.
यह मुझे एक रात तब पता चला जब मैं स्नान कर रहा था।
फिर वह मेरे घर आया.
वह मेरे भाई के बेटे के साथ खेलने लगा. मेरे भाई का बेटा सिर्फ 4 साल का है.
फिर मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आया.
मैंने उस दिन नीले रंग का सूट पहना हुआ था.
विशु मेरी ओर देख रहा है.
जब उसने मुझे हैलो कहा तो मैंने उसे हैलो कहा और अंदर चला गया.
मेंटेनेंस वहां से उठ कर बाथरूम में चली गयी. करीब 5 से 7 मिनट बाद वह बाहर आया।
इतने में मैंने कमरे से बाहर देखा और अपने भाई के बेटे नानू से पूछा- विशुच्चु कहाँ गया था?
उसी वक्त विशु बाहर आया और बोला, ”दीदी, सुबह से पेट में कुछ गड़बड़ है.” मैं पहले बाथरूम में था.
मैंने कहा- अरे, अपनी दवा ले लो!
उसने कहा- मैंने ले लिया है.
फिर मैं कपड़े धोने के लिए बाथरूम में चला गया. मैंने बाथरूम में ऊपर अपनी ब्रा और पैंटी देखी और वो दोनों मेरे दूसरे कपड़ों के नीचे थीं।
मुझे थोड़ा अजीब लगा, लेकिन इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा.
वह उससे कुछ भी पूछती तो विशु से पूछती, लेकिन विशु अपने घर चला गया था।
अगले दिन रविवार था और परिवार के सभी लोगों को लड़के से मिलने जाना था।
आज घर पर मैं, मेरी भाभी और मेरी दादी ही हैं.
दोपहर को विशु घर आया और बोला- दीदी, गणित का सवाल समझाओ, मुझे नहीं पता कैसे।
मैंने कहा- हां, चलो, मैं करवा दूंगा.
जब मैंने उसे समस्या बताई तो मैंने देखा कि उसका ध्यान मेरे स्तनों पर केंद्रित था।
मैं कहता हूं- विशु, कॉपी का ध्यान रखना।
वह झिझकते हुए बोला- दीदी, मैं समझ गया.
उसके बाद हम दोनों फ्री हो गये.
विशु ने पूछा- बहन, आज सब लोग कहाँ गये?
मैंने उससे कहा- मैं अपने लिए लड़का देखने गया था.
उसने कहा-अरे, तुम जाते क्यों नहीं?
मैंने कहा- पागल हो क्या, मैं कैसे छोड़ दूँ?
वह मुस्कुराया और बोला: अरे दीदी मैं तो मज़ाक कर रहा था.
तभी मेरी ननद आई और नानू को खाना खिलाने के लिए नीचे ले गई।
मैंने विशु से कहा- अब तुम समस्या सुलझाने की कोशिश करो, उससे पहले मैं नहा लूंगा.
मैं दुखी हूं।
विशु ऊपर वाले कमरे में अकेला था.
जब मैं नहाने के बाद ऊपर गई तो मैंने देखा कि विशु अपने फोन पर पोर्न देख रहा है, अपने लिंग को सहला रहा है और फुसफुसा रहा है, “रिंकी दीदी…आह रिंकी…”।
ये सब देख कर मुझे आश्चर्य हुआ कि विशु को मेरे बारे में क्या ख्याल आया.
जब मैं अंदर जाने वाला था तो मैंने देखा कि विशु ने अपना हाथ उसके निचले शरीर के अंदर डाल दिया और अपना लिंग बाहर निकाल लिया।
उसका लंड पूरा खड़ा था. उसका लंड करीब 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था.
मैं लंड देख कर हैरान हो गयी. ये मेरी जिंदगी में पहली बार था कि मैंने किसी मर्द का लंड देखा था.
यह सब देखकर मुझे एक अजीब सी उत्तेजना महसूस हुई जिसे मैं दबा नहीं सका।
दरअसल, विशु को अपने सामने हस्तमैथुन करते देख मैं खुद को रोक नहीं पाई.
अब मैं बोल नहीं सकता.
उसी समय मैं बाथरूम में चली गई और अपनी चूत में उंगली करने लगी।
उसके बाद मैं कमरे में वापस आया और देखा कि विशु सवाल पूछ रहा है।
मैंने पूछा- आपके सवाल ख़त्म!
वह बोला- बहन, नहीं, एक और समस्या है जिसका समाधान नहीं हुआ।
मैंने कहा- मैं समझाता हूँ.
इतना कहकर जैसे ही मैंने उसके हाथ से किताब ली तो मेरा हाथ उसके लिंग से छू गया।
उसका लंड अभी भी खड़ा और गरम था.
मैं तो बस उसके लंड की तरफ देखती रही.
विशु को न जाने क्या हुआ, वह उठा और अपने घर की ओर चल दिया।
रात भर विशु का लंड मेरी आँखों के सामने आता रहा.
अब मैं उसके लंड के लिए तरस रही थी और विशु से चुदाई के बारे में सोच रही थी.
ये सब सोच कर मैं बेचैन हो जाता हूं.
मैं भी भाई-बहन की चुदाई के वीडियो देखने लगा.
अब मैं मौके की तलाश में रहने लगी और जानबूझ कर विशु के सामने बिना ब्रा के टी-शर्ट पहन कर आने लगी.
जब तक वह अपने लिंग को देखने नहीं आया तब तक उसने नहाना शुरू नहीं किया।
मरम्मत ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
मेरी प्यास दिन पर दिन बढ़ती गई.
हालाँकि रिश्ता पक्का हो गया था, लेकिन शादी होने में दो साल लग गए।
कभी-कभी मैं लड़कों से बात करती हूँ लेकिन अब मैं विशु के लंड की प्यासी हूँ।
मुझे कोई मौका नहीं मिला.
तब भगवान ने मेरी प्रार्थना का जवाब दिया.
एक दिन, परिवार अपने चाचा के बेटे की शादी में शामिल होने जा रहा था।
मैं उस समय परीक्षा दे रहा था, इसलिए मैंने जाने से इनकार कर दिया।
मेरी भाभी ने कहा- मैं लिन क्यूई के साथ रहूंगी।
मेरी माँ बोली- तुम दोनों रात को अकेले क्यों हो?
मेरी ननद बोली- माँ, कोई बात नहीं, बस बेझिझक चली जाओ।
माँ बोली- ठीक है, मैं विशु को रात को यहीं सोने आने दूंगी!
मैंने तुरंत कहा- हां, ये ठीक रहेगा.
आज मैं खुश हूँ कि आज मैं विशु से चुद कर अपनी प्यास बुझा सकती हूँ।
सब लोग चले गए.
रात करीब 8 बजे विशु अपनी किताबें लेकर मेरे घर आया।
मेरी ननद बोली- सब लोग नीचे सोते हैं.
लेकिन आज मैं यह मौका छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए मैंने कहा कि विशु भाभी सुबह परीक्षा है इसलिए उसे पढ़ाई करनी है। तुम और नानू अपने कमरे में सो रहे थे. पढ़ाई के बाद विशु और मैं ऊपर सोने चले जाते थे।
भाभी बोलीं- ठीक है रिन जी, जो आप चाहें.
अब मैं और विशु ऊपर मेरे कमरे में चले गये।
हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं।
विशु बोला- दीदी, क्या मैं थोड़ी देर टीवी देखूँ?
我说——是的,一定要看看。
我不知道从什么开始以及如何开始。
然后我的手机突然打来电话。
我说——看 Vishu,这是谁的电话?
维舒笑道——滴滴,姐夫打来电话。
我出去跟他说话。
当她回来的时候,看到电视上正在播放电影,里面正在播放吻戏。
维舒看得很仔细。
我问——Vishu,你这么专注地看着什么?
他很快就换了频道,说道——没什么,林奇迪迪。
我说——好吧,你看电视……我刚换好衣服就回来了。
我从衣柜里拿出内衣和T恤,故意把衣柜打开,然后去了卫生间。
胸罩和内裤放在我衣柜的前面。
我下来了。
我知道Vishu肯定会有所作为。
我很快就穿上了下装和T恤,没有胸罩和内裤,舒服地走出房间,开始向窗外看去。
我看到维舒正在闻我的肉饼,并用一只手爱抚他的阴茎。
过了一会儿,他拿出阴茎开始自慰。
当我听到她嘴里发出“Rinki Didi…啊Rinki Didi…”的声音时,我也无法阻止自己。
维舒完全沉浸在自慰中。
眨眼间我就走到了他面前。
看到我在那里,他立即将他的阴茎放进去。
他完全被吓坏了。
我说——Vishu,你在做什么?
Vishu-Rinki didi,没什么。
I saw that his penis was still completely erect.
So I gestured to him, “What is all about Vishu?”
But Vishu did not say anything.
Today I did not want to let this opportunity slip away.
I said- Vishu, let me also see how big your penis is.
Saying this, I pulled down his lower and saw that Vishu was not wearing underwear, due to which his penis suddenly came in front of me.
Vishu started raising his lower but I stopped him and without wasting any time, immediately held his penis in my hand.
I said- Vishu, your penis is quite big. How did you make it so big?
Vishu did not say anything. He was standing with his face down.
I said – Just a little while ago he was waving his hands a lot and saying ‘Rinki didi, Rinki didi’.
Vishu said- Rinki didi sorry.
I pretended to say – You think all this about me!
Vishu- Sorry didi, it was a mistake.
I said- Okay, okay.
तभी विशु बोला- दीदी मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो.
मैंने कहा- अच्छा तो ये बता कि तुझे मेरे में क्या अच्छा लगता है?
विशु भी मेरे इशारे को समझने लगा था.
वो बोला- दीदी आपके बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते है. जब आप चलती हो तो आपकी गांड बहुत मस्त लगती है.
मैंने मुस्कुरा कर कहा- अच्छा!
वो कुछ नहीं बोला.
मैंने कहा- तुमने कभी सेक्स किया है?
वो बोला- नहीं रिंकी दीदी.
मैंने कहा- फिर भी तेरा लंड इतना लम्बा कैसे है?
वो बोला- रिंकी दीदी आपको याद करके मुठ मारता हूँ इसलिए ये इतना लम्बा हो गया है.
ये सब सुनकर मैंने हंसते हुए आराम से उसके गाल पर चपत मारी और बोली- तुझे ये सब करते हुए शर्म नहीं आती?
विशु बोला- दीदी प्यार करने में कैसी शर्म.
मैंने हंसते हुए कहा- ओह अच्छा … प्यार करता है तू मुझसे!
वो बोला- हां रिंकी दीदी.
अब देर ना करते हुए मैंने कहा- तो मैं क्या करूं … तुम मुझसे क्या चाहते हो?
अब विशु भी पूरी तरह से मेरे मन को समझ गया था कि मैं क्या चाहती हूँ.
उसने एकदम से बोल दिया- रिंकी दीदी, मैं आपको चोदना चाहता हूँ.
मैंने नाटक करते हुए कहा कि तुम पागल हो गए हो क्या?
लेकिन विशु अब कहां रुकने वाला था. उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
मैं उससे छूटने का नाटक करने लगी.
सच में तो मैं भी यही चाहती थी कि विशु के लंड से मैं अपनी चूत की प्यास बुझा लूं.
विशु ने अब बिना किसी के डर के अपना काम शुरू कर दिया था.
उसने मुझे अपनी बांहों में भरके बिस्तर पर पटक दिया; मेरे होंठों को जोर जोर से चूसने लगा.
मेरी भी कामुक सिसकारियां निकलने लगी थीं; होंठों की मस्त चुसाई से मेरे मुँह से ‘अई … अई … अई … अह हहह … सीसीई आह आंह …’ के मधुर स्वर निकल रहे थे.
वो मेरे गले को चूम कर मेरे बूब्स की तरफ बढ़ रहा था.
मेरी टी-शर्ट निकाल कर मेरे दोनों दूध को हाथ में भरकर पीने लगा.
कुछ देर तक उसने मेरे दोनों चूचों को दबाया. उसके बाद मेरे भूरे निप्पल को काट काट कर पीने लगा.
उसके दांत मेरे बूब्स के निप्पलों में गड़ रहे थे. मेरी सांसें तेज हो रही थीं.
मैंने भी कुछ देर तक उसको अपना दूध पिलाया.
मेरे मुँह से ‘अईअई … अईअई … चूस ले इसस् … उहह्ह्ह …’ की आवाज निकल रही थी.
उसके बाद मैंने उससे खुद को छुड़ाकर अलग किया और उसका लोअर निकाल दिया.
मुझे उसके लंड से खेलने का बेसब्री से इन्तजार था.
जैसे ही उसका लंड खुला … मैं झट से उसके लंड को पकड़कर हिलाने लगी.
उसका लंड धीरे धीरे टाइट होता जा रहा था.
कुछ ही पलों में विशु का लंड खड़ा हो गया.
लंड के गुलाबी टोपे को मैं अपने मुँह में रखकर चूसने लगी.
मैं उसके लंड को डंडी पर लगी आइसक्रीम की तरह चाट रही थी.
मुझे लंड चूसते देख कर विशु का लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया.
उसे भी बड़ा जोश आ रहा था.
वो भी तेजी से सांसें लेकर ‘सूंसूं … हूँ … आह इसस्स …’ की आवाज निकाल रहा था.
कुछ देर बाद विशु ने अपने लंड को मेरे मुँह से निकाल लिया.
मैं अब चुदने के लिए मरी जा रही थी. मैं खुद ही अपने लोअर को निकलने लगी.
रसभरी चूत को चटवाने के लिए मैं बिस्तर पर बैठ गयी.
विशु नीचे ही बैठ कर मेरी टांगों को फैलाकर मेरी चूत के दर्शन करने लगा.
मेरी चूत को देखकर उसके भी मुँह में पानी आ गया.
अगले ही पल मेरी चूत को वो रसमलाई की तरह चाट चाट कर मजा ले रहा था.
मेरी चूत की खाल को दांतों से खींच खींचकर चूस रहा था. उसके मुँह से अपनी चूत के दाने को कटवाते ही मेरी चूत में आग लग जाती थी.
मैं फर्स्ट टाइम ओरल Xxx करती हुई अपनी चूत को ‘उह उअअह आआह ई सी सी सी … उन्ह …’ की आवाज के साथ चटवा रही थी.
उसने अचानक से अपना लंड मेरी चूत पर रख कर रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरी चूत गर्म हो चुकी थी.
इतने में ही विशु ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा दिया.
उसने मेरी चूत में जोर से धक्का मारा लेकिन उसका लंड मेरी चूत से फिसल गया.
विशु ने लंड को दोबारा चूत पर सैट करके जोर से धक्का मारा. उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था और मुझे बहुत दर्द होने लगा था.
कुछ देर रुकने के बाद उसने एक और जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी कुंवारी चूत के अन्दर घुसा दिया.
मेरी चूत से खून आने लगा था.
विशु ने मेरी चूत की सील तोड़ दी थी.
मेरी आंखों में दर्द के मारे पानी आ गया. मेरे मुँह से जोर से आवाज निकलने लगी. मेरी चूत को पहली बार में ही ऐसा लंड मिला था जिसने मेरी चीख निकाल दी.
मुझको आज अपने भाई से चुदने का भरपूर मजा मिल रहा था.
विशु मुझे किस करते हुए चोद रहा था.
कुछ ही देर में मेरा दर्द खत्म हो गया और चूत चुदाई में मजा आने लगा.
मैं मस्ती में बोलने लगी- आंह और जोर से चोदो मेरे विशु राजा … बड़े दिनों की प्यास के बाद ये मजा मिला है. फाड़ डालो … आंह और जोर से चोदो मेरे राजा … उंह उंह उंह हूँ.
मेरी मादक आवाज निकलने लगी.
उसके लंड ने मेरे चूत को जबरदस्त रगड़ना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में मुझको लगने लगा था कि विशु आज मेरी चूत को पूरी तरह से घिस डालेगा.
वो चूत की जड़ तक अपना लंड पेलकर मेरी चुदाई कर रहा था.
कुछ देर में ही वो थक कर बैठ गया.
मैं उसके लोहे की सलाख जैसे लंड पर अपनी चूत रख कर बैठ गयी.
मेरी चूत में उसका पूरा लंड समाहित हो गया.
मैं विशु के लंड पर उछल उछल कर चुदने लगी. मैं धीरे धीरे कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगी.
मेरी चूत से माल निकलने वाला था.
मैं जोर जोर से ‘आऊ … आऊ … अह … सीई … आंह …’ की आवाज निकालती हुई झड़ गयी.
उसका लंड मेरे माल से भीग गया.
उसने भी अपनी कमर उठा उठा कर मुझको और ज्यादा स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.
लगभग दो मिनट बाद उसके लंड ने भी माल निकालने की स्थिति बना दी.
मैं समझ गई और मैंने चूत से लंड निकाल कर लंड मुँह में लिया.
मैंने उसका लंड चूस कर सारा माल पी लिया.
लंड का स्वाद थोड़ा नमकीन था.
आज विशु के साथ चुदाई में मुझे बहुत मजा आया था.
उस रात हम दोनों ने तीन बार चुदाई की.
उसके बाद मुझको जब भी मौका मिलता, तो मैं विशु से अपनी चुदाई करवा लेती और चरम सुख की प्राप्ति कर लेती.
अब शादी के बाद भी मौका मिलने पर विशु ने मुझे बहुत बार चोदा है.
वो चुदाई की कहानी मैं आप सबको अपनी अगली कहानी में बताऊंगी.
आपको यह फर्स्ट टाइम ओरल Xxx कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स और मेल में बताएं.
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