इस देसी वर्जिन सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने गांड की कुंवारी लड़की की सीलबंद चूत में लंड घुसाया. इससे पहले मैंने कभी सीलबंद चूत नहीं चोदी थी.
दोस्तो, मैं रोहित एक बार फिर से आपको कमसिन शिवानी की चुत चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ.
देसी वर्जिन सेक्स कहानी के पिछले भाग
देसी कुंवारी चूत की खुशबू
में आपने अब तक पढ़ा था कि शिवानी मुझसे चुदने के लिए राजी हो गई थी और मैं उसके दूध मसल रहा था.
अब आगे देसी वर्जिन सेक्स कहानी:
शिवानी- आह आह अहह … हह ओह आह … धीरे धीरे दबाओ यार. बहुत दर्द हो रहा है.
लेकिन मेरा लंड शिवानी की बात कहां सुनने वाला था. मैं तो बस उसके चुचे को मसले जा रहा था. उसके चूचे अब तक लाल हो चुके थे.
मैंने उसके एक बोबे को मुंह में दबाया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.
शिवानी के बोबे को चूसने में मुझे अलग ही आनन्द मिल रहा था.
इधर मेरा लंड शिवानी की चूत के मुंह पर खड़ा हुआ अन्दर घुसने का इंतजार कर रहा था.
शिवानी बेताब होकर लगातार सिसकारियां भर रही थी.
अब तक मैं उसके दोनों चूचों को चूस चूस कर गीली कर चुका था.
मैं शिवानी की मस्त चूचियों को और चूसना चाहता था लेकिन मेरा लंड अब जवाब देने लग गया था.
इधर शिवानी की चूत फिर से पानी पानी हो चुकी थी.
इसलिए अब मैं सीधा नीचे आया और फटाफट से शिवानी की टांगों को पकड़कर चौड़ी कर दीं.
अब उसकी छोटी सी चूत मेरे बड़े हथियार के निशाने पर थी.
शिवानी मेरी ओर कामुक नजरों से ऐसे देख रही थी मानो कह रही हो कि अब तो मुझे चोद ही दो.
मैंने उसकी चूत के मुंह पर मेरे लंड का सुपारा रखा और उसकी टांगों को पकड़कर जोरदार धक्का लगा दिया.
शिवानी की चूत बहुत ज्यादा चिकनी और टाइट थी इसलिए थोड़ा सा ही लंड अन्दर घुस पाया.
उसी पल शिवानी ज़ोर से चीख पड़ी- आई ईईई मम्मी आई ईईई … आईई ईई मर गई.
शिवानी की चीख को सुनकर मैंने तुरंत मेरा लंड चूत में से बाहर निकाल लिया और शिवानी को चुप कराया.
शिवानी- बहुत दर्द हो रहा है यार. मैं अन्दर नहीं ले पाऊंगी.
मैं- अन्दर डालने के लिए ही तो मैं इतने दिनों से इंतजार कर रहा था. अन्दर तो तुम्हें लेना ही पड़ेगा यार!
शिवानी- रहने दो … अन्दर मत डालो यार. मैं मर जाऊंगी … तुम्हारा बहुत बड़ा है.
मैं- जब लंड बड़ा होता है तभी तो लड़की को चुदने का पूरा मज़ा आता है.
शिवानी- लेकिन मुझे कोई मज़ा नहीं आ रहा है … मुझे बस दर्द हो रहा है.
मैं- कोई बात नहीं, मज़ा लेने के लिए दर्द तो सहन करना ही पड़ता है.
तभी मैंने फिर से उसकी चूत के छेद में लंड सैट करके जोर से धक्का लगाया और लंड अन्दर पेल दिया.
फिर से थोड़ा सा ही लंड अन्दर घुस पाया था कि शिवानी फिर से चीख पड़ी.
लेकिन इस बार मैंने फिर जल्दी से लंड बाहर निकाल कर चार पांच बार लंड शिवानी की चूत में ठोका.
मगर नतीजा फिर से वही रहा.
शिवानी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी थी.
तभी मैंने कुछ सोचा और शिवानी की चुदाई रोक कर दी.
अब जाकर शिवानी ने राहत की सांस ली.
मेरे सामने अजीब सी मुसीबत हो गई थी.
शिवानी की चूत बहुत ज्यादा कसी हुई होने के कारण मेरा लंड अन्दर पूरा घुस ही नहीं पा रहा था.
इधर शिवानी की चीखें डर पैदा करने रही थीं कि कहीं किसी को पता चल गया तो भारी मुसीबत हो जाएगी.
मैं तो यहां से चल जाऊंगा … लेकिन शिवानी की बड़ी बदनामी होगी.
मुझे यहां काम तो दोनों ही करने थे … शिवानी को भी चोदना था और आस पड़ोस की नज़रों से भी शिवानी को बचाना था.
तभी शिवानी को मैंने अपनी बांहों में उठाया और जहां टीवी रखी थी उस कमरे में ले गया.
मैंने तेज आवाज़ में गाने चला दिए और पास रखी टेबल पर तेल की शीशी में से तेल लेकर अपने लंड को अच्छी तरह से भिगो लिया.
शिवानी- रहने दे ना यार अन्दर मत डालो … इतना सब कुछ कर लिया तुमने, वही बहुत है.
मैं- अन्दर डाले बिना तो काम ही अधूरा रहेगा. लंड तो चुत के अन्दर तो डालना ही है यार!
वो कुछ नहीं बोली, शायद उसे भी अपनी चुत में लंड लेने का मन हो गया था.
मैंने एक बार फिर से उसकी चिकनी चूत पर मेरे लंड का टोपा रखा और अबकी बार ज़ोरदार धक्का देकर लंड चूत में ठोक दिया.
अबकी बार आधे से ज्यादा लंड शिवानी की चूत की फांकों को चीरता हुआ अन्दर तक घुस गया.
शिवानी ज़ोर से बिलबिला उठी. वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.
दर्द के मारे उसका चेहरा पसीना पसीना हो गया- आईई ईई … आईईईई … ओह आईई उईईईई ओह आईईई.
अबकी बार मुझे मजबूर होकर शिवानी की चीखों को नजरंदाज करना पड़ा और फिर लंड बाहर निकाल कर वापस ज़ोर से लंड चूत में घुसा दिया.
इस बार मेरा लंड शिवानी की चूत की गहराई को नापता हुआ चूत की जड़ में जा बैठा.
शिवानी बुरी तरह से दर्द से बिलखने लगी.
मेरा लंड अब अच्छी तरह से शिवानी की चूत में फिट हो चुका था.
थोड़ी देर तक मैंने चूत में ही लंड यूँ ही फंसाए रखा.
शिवानी की चूत की सील टूट चुकी थी. इसी वजह से शिवानी की कसी हुई चूत में से खून बह निकला. मेरा लंड खून में पूरा भीग गया.
यह पहला मौका था, जब मेरा लंड खून में भीगा हो. मुझे ये सोच सोच कर ही बेहद सनसनी हो रही थी कि चुत फाड़ने का पहला मैडल मेरे लंड से हासिल कर लिया था.
उसी समय शिवानी की कमर हिली, तो मेरे लंड का पूरा रास्ता साफ हो चुका था.
मैं अपनी गांड को हिला हिलाकर शिवानी को चोदने लगा.
उसकी आंह ऊंह अब भी आ रही थी मगर मैं पूरे ताव में आकर शिवानी को पेलने में लगा था.
मेरा लंड धकाधक उसकी चूत को रगड़ने लगा.
धीरे धीरे शिवानी का दर्द भी कम होने लगा. वो भी टांगें फैला कर धीरे धीरे लंबी लंबी सिसकारियां भरने लगी.
मुझे इस समय शिवानी की टाईट चुत को चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा. मेरा लंड फुल मस्त होकर शिवानी की चिकनी चूत में गोते लगाने लगा.
सच में दोस्तो चिकनी सील बंद चूत को चोदने का आनन्द ही कुछ अलग होता है.
आज मैं अपने आपको धन्य समझ रहा था, जो मुझे शिवानी की चिकनी सीलपैक चूत चोदने का सुअवसर मिला था.
बहुत देर की धक्कमपेल के बाद शिवानी ने मेरे लंड को चूत के नमकीन रस में भिगो दिया.
शिवानी को दर्द से राहत मिल गई थी.
अब मैं उसे और ज्यादा जोश में आकर चोदने लगा था.
शिवानी भी धीरे धीरे गांड हिला कर चुत चुदवाने का मज़ा लेने लगी.
अब तक उसकी चूत अन्दर से बहुत ज्यादा चिकनी होकर गीली हो चुकी थी.
मेरा लंड शिवानी की चुत को अच्छी तरह से बजा रहा था.
शिवानी भी मस्त होकर अपनी टांगें हवा में उठा कर चुदी जा रही थी. उसकी आहें चरम की तरफ जाने का इशारा करने लगी थीं.
इधर मेरा लंड भी पिघलने वाला था.
तभी मैंने शिवानी को ज़ोर से भींच लिया और सारा गर्मागर्म लावा चूत में भर दिया.
वो भी झड़ गई और मुझसे चिपक गई.
थोड़ी देर बाद मैं शिवानी के नंगे बदन पर उठा और उसकी तरफ प्यार से देखने लगा.
मेरा लंड भी शिवानी की कसी हुई चिकनी चूत की रगड़ के कारण बुरी तरह से छिल चुका था.
भयंकर चुदाई की वजह से शिवानी भी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी.
लेकिन मैं शिवानी को अभी तो और चोदना चाहता था.
कुछ देर बाद मैं वापस उसके जिस्म को ऊपर से लेकर नीचे तक चूमने लगा.
वो फिर से गर्म होने लगी.
मैंने शिवानी से लंड चूसने के कहा तो वो मना करने लगी.
शिवानी- नहीं मुझे नहीं चूसना.
मैं- अरे चूस लो यार, तुम्हारी कई दिनों की प्यास बुझ जाएगी.
शिवानी- नहीं, पता नहीं कैसा लगता होगा.
मैं इस बात से समझ गया कि शिवानी मेरा लंड मुंह में तो डालना चाहती है … लेकिन ऊपर से थोड़ा दिखावा कर रही है.
मैं नीचे लेट गया और मैंने शिवानी को खींच कर उससे मेरा लंड चूसने के कहा.
वो नानुकुर करती हुई लंड चूसने के लिए तैयार हो गई.
शिवानी ने मेरे गर्मा गर्म लंड को पकड़ा और मसलने में लग गई.
उसके कोमल हाथ मेरे लंड पर लगते ही मेरा लंड झट से खड़ा हो गया.
कुछ देर लंड को मसलने के बाद शिवानी ने लंड के टोपे को मुंह में भरा और चूसने लगी.
लेकिन शिवानी नई नवेली खिलाड़ी होने के कारण लंड सही तरीके से नहीं चूस पा रही थी.
वो कभी लंड को पकड़ती, तो कभी लंड को मुंह में भरती.
धीरे धीरे मेरा लंड फिर से उफान पर आने लगा.
कुछ देर में शिवानी ने लंड चूसकर पूरा गीला कर दिया.
मेरा लंड फिर से शिवानी की चिकनी चूत की सैर करने के लिए तैयार हो चुका था.
मैंने शिवानी को वापस नीचे लेटाया और एक बार फिर से उसके कसे हुए चुचों को ज़ोर से निचोड़ दिया.
उसकी आह निकल गई.
मैंने शिवानी को पलट दिया और पीछे से उसकी गोरी चिकनी पीठ को चूमने लगा.
मुझे उसकी चिकनी पीठ को किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था. वो भी मजा ले रही थी.
मैं पीठ से नीचे खिसकते हुए उसके मस्त चूतड़ों को सहलाने चूमने लगा.
मस्त चूतड़ थे शिवानी के. एकदम भरे हुए, कड़क, कसे हुए. उसके चूतड़ों की शानदार कसावट मुझे पागल करने लगी.
शिवानी दोनों हाथों को आगे पसारकर मदहोश हुई जा रही थी.
तभी मैंने उसकी गांड के सुराख में उंगली डाल दी.
शिवानी एकदम से चिहुंक उठी.
उसकी चिकनी गांड का सुराख बहुत ज्यादा छोटा था. बड़ी मुश्किल से मेरी एक ही उंगली अन्दर घुस पाई.
थोड़ी देर शिवानी की गांड और पीठ को सहलाने के बाद मैंने शिवानी को वापस पलट दिया.
मैंने उसकी टांगों को मेरे कंधे पर रखा और चूत के छेद में लंड पेल दिया.
देसी वर्जिन फिर से दर्द से बिलबिला उठी.
मैं दे दनादन उसकी चिकनी चूत में लंड पेलता रहा.
आह … कसी हुई चूत पेलने का आनन्द क्या होता है … ये मैंने आज जाना.
बहुत देर की उठापटक के बाद शिवानी ने मेरे लंड को अपना पानी पिला दिया और फिर से खचाखच चुदाई होने लगी.
मैंने उसकी टांगों को मेरे कंधों से उतार दीं और उसकी गोरी गोरी कलाइयों को पकड़कर गांड हिला हिलाकर लंड चूत में ठोकने लगा.
अब तक शिवानी बुरी तरह से चुद चुकी थी.
तभी मैंने शिवानी को कसकर दबोच लिया और उसकी चूत को मेरे लंड के रस से भर दिया.
हम दोनों ही भयंकर पसीने में नहा चुके थे.
कुछ देर बाद हम दोनों उठे.
शिवानी की चूत अभी भी लंड और चूत के रस से सराबोर होकर होकर बह रही थी.
उसके चेहरे पर चुदाई का सुकून साफ साफ़ नजर आ रहा था.
ऐसा लग रहा था जैसे शिवानी बहुत दिनों से लंड लेने का इंतजार कर रही थी और आज उसकी तमन्ना पूरी हो गई है.
मैं भी शिवानी की फ्रेश चूत का स्वाद चखकर बहुत ज्यादा खुश था.
दस मिनट बाद मैंने शिवानी को उसकी पैंटी और ब्रा पहना कर सलवार पहना दी. कमीज़ खुद शिवानी ने पहन ली.
फिर कपड़े पहन कर मैं आसपास देखता हुआ शिवानी के घर से निकल आया.
घर पहुंचने के बाद मामीजी मेरी चेहरे की मुस्कान देखकर समझ गईं कि मैंने शिवानी की चूत चोद ली है.
मामी जी भी उसी समय चुत खोलने के मूड में थीं मगर मैं एक सील फाड़ कर आया था तो मैंने उन्हें बाद में पेलने का कहा.
आपको मेरी देसी वर्जिन सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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